परम पूज्य संत बाबा जय गुरु देव जी महाराज

!! जय गुरुदेव नाम प्रभु का !! बाबा जी का कहना है, शाकाहारी रहना है, कलियुग जा रहा है, सतयुग आ रहा है

(सतगुरु बाबा जय गुरुदेव जी महाराज)

अब सोंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे चरणों में,
हैं जीत तुम्हारे हांथों में, और हार तुम्हारे हांथों में,
मेरा निश्चय बस एक यही, एक बार तुम्हे पा जाऊं मैं,
अर्पण कर दूँ दुनिया भर का, सब प्यार तुम्हारे हाथों में,
यदि जग में रहूँ तो ऐसे रहूँ, जों जल में कमल का फूल रहे,
मम अवगुण दोष समर्पित हो, भगवान् तुम्हारे हांथों में,
यदि मानुष का मुझे जनम मिले, तब इन चरणों का मैं भक्त बनू,
इस भक्त की नस नस रग रग का, हो तार तुम्हारे हाथों में,
जब जब संसार का कैदी बनू, निष्काम भाव से काम करूँ,
तब अंत समय मैं प्राण तजूं, निराकार तुम्हारे हांथों में,
मुझ में तुझमे बस भेद यही, मैं नर हूँ तुम नारायण हो,
मैं हूँ संसार के हाथों में, संसार तुम्हारे हांथों में,