परम पूज्य संत बाबा जय गुरु देव जी महाराज

!! जय गुरुदेव नाम प्रभु का !! बाबा जी का कहना है, शाकाहारी रहना है, कलियुग जा रहा है, सतयुग आ रहा है

एक बार अर्जी तो मान लो गुरुजी
मुझे काल की नगरिया से निकाल दो गुरुजी
इतनी सी बिनती हैं मान लो गुरुजी
मुझे काल की नगरिया से निकाल दो गुरुजी

शाम सबेरे तेरा भजन करू मैं,
रूप निहारु तेरा ध्यान धरु मैं।
नजर मेहर की मुझपे डाल दो गुरुजी।।
मुझे काल की नगरिया से निकाल दो गुरुजी।।

करमो की सांखली में मैं गया जकड़ा,
काम और क्रोध ने मचा दिया झगड़ा।
सूरत मेरी को सम्भाल लो गुरूजी।।
मुझे काल की नगरिया से निकाल दो गुरुजी।।

लाख जतन करू मन नही मानें,
चारो दिशाओँ में खेंचे ताने।।
मन की तरंगों को मार दो गुरुजी।।
मुझे काल की नगरिया से निकाल दो गुरुजी।।

लाखो विकार भरे है मेरे तन में,
भटक रहा हूँ प्रभु माया के बन में।।
सतसंग जल में खंगाल दो गुरुजी।।
मुझे काल की नगरिया से निकाल दो गुरुजी।।

दूर रहे स्वामीजी तो चैन हमे कैसे,
आन लगाओ गुरु हमको हिये से।।
दर्शन दे के कर निहाल दो गुरुजी।।
मुझे काल की नगरिया से निकाल दो गुरुजी।।

जय गुरुदेव मीले हम बड़भागी,
उनकी चरण रज माथे पे लागी।।
जनम मरण मेरा टाल दो गुरुजी।।
मुझे काल की नगरिया से निकाल दो गुरुजी।।

???? जयगुरूदेव ????
रचनाकार:- प्रेम देशमुख
जयगुरुदेव आवाज़ टीम