परम पूज्य संत बाबा जय गुरु देव जी महाराज

!! जय गुरुदेव नाम प्रभु का !! बाबा जी का कहना है, शाकाहारी रहना है, कलियुग जा रहा है, सतयुग आ रहा है

आरती करूँ गुरुदेव की जिन भेद बतायो,
चरण कमल की छाय मे जिन सुरत बिठायो ।।१।।

जनम जन्म के पाप को जिन दूर हटायो,
मो सम पतित पुनीत कर निज ह्रदय लगायो ।।२।।

दीन दयालु दया करी दियो शब्द जहाजा,
सुरत चढ़ी आकाश मे धरी अनहद नादा ।।३।।

सुरत चली निजलोक को मन परम् हुलासा,
सतगुरु मिल गये राह मे ले परम् प्रकाशा ।।४।।

अभिनन्दन निज लोक मे करें किन्नर देवा,
भाग्य सराहें सुरत करि लावें बहू सेवा ।।५।।

काल करम के फाँस से लियो जीव बचाई,
गुरु दयालु दया करी निज घर पहुचाई ।।६।।