अमेरिकी भविष्यवक्ता एन्डरसन को कौन नहीं जानता है। उनका कहना है कि साइबेरिया के मैदान में रूस अथवा चीन के द्वारा कोई आणविक परीक्षण होगा जिससे वहां की भूमि फट जावेगी और लाखों लोग मर जावेंगे। इस विस्फोट से पृथ्वी का आकार बदल जायेगा। समुद्रों में भारी तूफान उठेंगे। भीषण व असह्य ताप से सारे संसार में त्राहि त्राहि मच जावेगी। जनता में हाहाकार छा जावेगा। कई भीषण भूकम्प व तूफान आवेंगे। अति वृष्टि के कारण लाखों लोग बेमौत मारे जावेंगे।
चीन नष्ट कर दिया जावेगा। अमेरिका की स्थिति बड़ी भयानक हो जावेगी। सन् 1980 तक चीन द्वारा अमेरिका के किन्ही दो बड़े नगरों पर अणु बम गिराये जायेंगे और वे नगर नष्ट हो जायेंगे। चीन को नष्ट करने के लिये रूस और अमेरिका एक हो जायेंगे और उसे पूरी तरह नष्ट भ्रष्ट कर देंगे। वहां थोड़े लोग रह जायेंगे जिनकी सहायता भारत करेगा।
रूस व अमेरिका का यह आक्रमण तीसरे महायुद्ध के रुप में होगा। इस युद्ध में आतंकवादी देश, व्यक्ति व शक्तियाँ पूरी तरह से नष्ट हो जायेंगी, इसके बाद विश्व में शांति होगी। राष्ट्रसंघ के समान एक और संस्था की स्थापना होगी।
सन् 1970, 71 व 72 ये वर्ष विश्व के लिये बड़े विनाशकारी व दुखदाई सिद्ध होंगे। मुस्लिम राष्ट्रों में भारी कलह होगा। संसार के समस्त मुस्लिम राष्ट्रों में आपसी संघर्ष बड़े परिणाम में होंगे। इन राष्ट्रों में भीषण रक्तपात व युद्ध होंगे।
इन्ही वर्षों में विश्व के समस्त देशों के राजनैतिक प्रमुखों का जीवन भारी खतरे में रहेगा। वर्तमान राजनैतिक नेताओं का महत्व व प्रभुत्व घटता चला जायेगा। कई देशों में आतंकवादी नीच व बुरे लोगों को नष्ट करने के लिए कई शक्तियां कार्यरत हो जावेंगी।
खरे लोगों का समय आवेगा। संसार में एक नई लहर फैलेगी। ईमानदार, धार्मिक व सच्चे लोगों को महत्व दिया जाने लगेगा। नीच व कुटिल लोगों के बुरे दिन आवेंगे।
समाचार पत्रों में भी क्रांतिकारी परिवर्तन होगा। सेवा, त्याग, साहस, उदारता व मानवता की भावनाओं को समाचार पत्रों द्वारा महत्व दिया जावेगा।
भारत से पुनः सुख शांति की किरणें फूटेंगी। इस सुख शांति व क्रांतिकारी परिवर्तन का कारण भारतवर्ष होगा। भारत के छोटे से देहात में जन्मे एक परम धार्मिक व्यक्ति का प्रभाव भारत ही नहीं सारे विश्व में फैल जावेगा। वह व्यक्ति मानव इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति बनेगा। जनता उसे बहुत मानेगी। उस व्यक्ति को इतना जन समर्थन व शक्ति प्राप्त होगी कि संसार के किसी भी राष्ट्र के पास उतनी शक्ति नहीं होगी। वह व्यक्ति समस्त विश्व के लिये आदर्श संविधान का निर्माण करेगा। संविधान के अनुसार सारे संसार की एक भाषा, एक संघीय राज्य, एक सर्वोच्च न्यायपालिका, एक झंडा आदि का विधान होगा। इस व्यक्ति के प्रभाव से सारे विश्व में एक अपूर्व सुख शांति छा जावेगी व मनुष्यों में संयम, सदाचार, न्याय, नीति, त्याग, मानवता, सहिष्णुता आदि गुणों को जीवन में उतारने की होड़ लग जावेगी। सर्वत्र आनन्द छा जावेगा। आज जनता कल्पना भी नहीं कर सकती कि इस प्रकार का धर्म, प्रेम व मानव प्रेम विश्व में छा जावेगा। भारतवर्ष का वह महापुरुष अपने अपूर्व मानव प्रेम व महानता से सारे विश्व को परम सुखदायी स्वरूप में परिवर्तित कर देगा। उसके द्वारा भारत की संस्कृति व धर्म के सिद्धान्तों का व्यापक प्रचार होगा।