मैं प्रार्थना करता हूं देवताओं से कि सबको सद्बुद्धि दीजिऐ। कुदरत की लीला का आपको कुछ कुछ भान होने लगा है। भारत की जनता से अनुरोध करता हूं कि अस्सी फीसदी जनता सत्युग िढ़ंढ़ोरे का मौका दे दे और सहयोग दे। अपने खेत की तरफ ध्यान रखें। मैं इधर से उधर से, देवताओं से, अग्नि, वायु और आकाश और आप से भी काम चाहता हूं। सावधानी के साथ भारत की जनता की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। देश के जिम्मेदार प्रतिनिधियों से भी हमारा अनुरोध है कि हमारा सहयोग दें हम आपका काम करेंगे। हमारी मदद कीजिऐ। हमारी और आपकी मदद से काम हो जाऐगा। आप भी चाहते हैं आराम मिले। हम भी चाहते हैं कि सबको आराम मिले। जब सबकी आकांक्षा एक है तो हम सबको एक नई सड़क बनाकर चलना और चलाना हैं। मानेंगे तो ठीक, नहीं मानते तो आप जानें और आप का काम जानें। सतयुग आऐगा इसको कोई रोक नहीं सकता।
(शाकाहारी पत्रिका के सौजन्य से: 14 मार्च 1981)