तेरी चाहत में ऐ हमदम मेरे
हद से गुजर लेंगे
किसी ने ना किया होगा वही
हम काम कर देंगे
तमन्ना में तेरी ऐ जिंदगी होगी
फ़ना तो क्या
मेरे मोहशीन तेरी आरजू में
आज मर लेंगे
मेरा आगाज तुझसे हैं
मेरा कल आज तुझसे हैं
शुरू तुमसे हुये हैं हम
ख़तम तुमपे ही कर लेंगे
रखे पर्दानशीं खुद को
तमाशा देखता दिख का
बदल के रुख को वो अपने
लुफ़्त लेता हैं महफ़िल का
इशारे दिलकशी के गर
समझ जावो तो फिर क्या हैं
सदाएँ दे रहा दिल, पर
समझना काम मुश्किल का
???? जयगुरूदेव ????
रचनाकार:- प्रेम देशमुख
जयगुरुदेव आवाज़ टीम