परम पूज्य संत बाबा जय गुरु देव जी महाराज

!! जय गुरुदेव नाम प्रभु का !! बाबा जी का कहना है, शाकाहारी रहना है, कलियुग जा रहा है, सतयुग आ रहा है

कड़ी मेहनत करें और अन्दर जाऐं

इसमें कोई शक नहीं कि जब तक कोई अपने अन्दर शान्ति प्राप्त नहीं कर लेता तब तक दूसरों को शिष्य बनाने की कोशिश करने से कोई फायदा नहीं है। इसलिए यह ज्यादा अच्छा होगा कि आप कड़ी मेहनत करें और अन्दर जाऐं। आपकी यह शिकायत होती है कि भजन में तरक्की नहीं होती इसमें आपके मन का कसूर है यानी सत्संग की कमी, मन की स्वछन्द भागदौड़, सांसारिक वस्तुओं के लिए अनावश्यक तृष्णा और भजन को गोंण समझना। जब सुमिरन द्वारा गहरी एकाग्रता हो जाती है तब आत्मा शरीर को छोड़ना शुरू कर देती है और शरीर सुन्न होना शुरू हो जाता है। क्योकि आत्मा शरीर के नो द्वारों को छोड़कर ऊपर चली जाती है। परन्तु यह सब तभी होगा जब आप प्रेम और विश्वास के साथ कड़ी मेहनत करेंगे। आपका मन फैला हुआ है। सरल स्वभाव वाले लोगों को आन्तरिक अनुभव जल्दी होता है। इस मार्ग में मन की सादगी, प्रेम और विश्वास की जरूरत है।

विश्वास में कमी होने से अन्दर जाना मुश्किल हो जाता है और विश्वास भी तभी होता है जब मनुष्य अपने अन्दर कुछ देखता है। यदि कोई रोगी डाक्टर से दवा लेता है पर उसका इस्तमाल नहीं करता तो उसके निरोग न होने के लिए वह स्वयं ही दोषी है डाक्टर नहीं। मैं तो बस यही चाहता हॅंू कि आप अपने को एकाग्र कर अन्दर जाऐं और जब गुरू आप से बातचीत करना शुरू कर देंगे और आपके सभी प्रश्नों का जवाब दे देंगे तभी आपके दुःखों का अन्त हो जाऐगा।