तुफानो से घिर के भी जो
बच के निकल जाया करते
दीवाने तो दीवाने हैं
सदा दीवाने ही रहते
राहे कितनी भी मुश्किल हो
जरा न पाँव फ़िसलते हैं
ये बात भला वो क्या जाने
मौसम की तरह जो बदलते हैं
एक बार जो दामन थाम लिया तो
कभी छोड़ ना पाएंगे
हद चाहे जो भी होगी
बाशौक लाँघते जाएंगे
तू लाख बदल लेना चेहरा
हर शक्ल तेरी पहिचानेंगे
गठबंधन हैं रूहों का ये
फिर अक्स नक्श क्या कर लेंगे
एक समान धड़कता हैं दिल
आवाज़ एक सा करता हैं
चेहरे का क्या करना है दोस्त
ये तो सदा बदलता रहता हैं
???? जयगुरूदेव ????
रचनाकार:- प्रेम देशमुख
जयगुरुदेव आवाज़ टीम