परम पूज्य संत बाबा जय गुरु देव जी महाराज

!! जय गुरुदेव नाम प्रभु का !! बाबा जी का कहना है, शाकाहारी रहना है, कलियुग जा रहा है, सतयुग आ रहा है

गुरू का ध्यान कर प्यारे । बिना इस के नहीं छुटना ।।

नाम के रंग में रंग जा । मिले तोहि धाम निज अपना ।।

गुरू की सरन दृढ़ कर ले । बिना इस काज नहीं सरना ।।

लाभ और मान क्यों चाहे । पड़ेगा फिर तुझे देना ।।

करम जो जो करेगा तू फ वही फिर भोगना भरना ।।

जगत के जाल में ज्यों त्यों । हटो मरदानगी करना ।।

जिन्होनं मार मन डाला । उन्ही को सूरमा कहना ।।

बड़ा बैरी ये मन घट में । इसी का जीतना कठिना ।।

पड़ो तुम इसही के पीछे । और सबही जतन तजना ।।

गुरू की प्रीत कर पहिले । बहुरि घट शब्द को सुनना ।।

मान लो बात यह मेरी । करें मत और कुछ जतना ।।

हार जब जाय मन तुझसे । चढ़ा दे सुर्त को गगना ।।

और सब काम जग झुठा । त्याग दे इसी को गहना ।।

कहै स्वामी समझाई । गहो अब नाम की सरना ।।