।।हे गुरुवर ! मम प्राणेश्वर।।
।।मेरे ऐब पाप सब दूर करो।।
।।पर मैं तो अंश तुम्हारा हुँ।।
।।यूँ दूर न मुझे हुजूर करो।।
।।विकृत संसारी भावो के।।
।।दल दल ने मुझें घेर रखा।।
।।सो सुभाव हो गया विकारी।।
।।प्रभु मेरा माफ़ क़सूर करो।।
।।नवरात्रि में नवजीवन की।।
।।नवऊर्जा का हमे स्त्रोत मिले।।
।।हृदयँ सरोवर में गुरु मेरे।।
।।चरण कँवल के फूल खिले।।
।।ऐसी अनुकम्पा कर दो प्रभु।।
।।रुचि भजन में और बढ़े।।
।।साँस साँस पे पल पल जीवन।।
।।गुरु आदर्शो की भेंट चढ़े।।
।।आदि अनादि अनन्त पुरातन।।
।।हे भव भंजन स्वामी सनातन।।
।।तुम भरोष लहहि सुख सारी।।
।।जय गुरुदेव जीव हितकारी।।
।।तुम चरण स्थान हो मेरो।।
।।विनय मेरी गुरुदेव स्वीकारो।।
।।नाम अनाम की दात के दायक।।
।।चरण शरण दीजै कर लायक।।
।।हे सर्व श्रेष्ठ लीला धारी।।
।।क्रीडांगन विश्व सकल तेरा।।
।।अखिल ब्रह्मांड चरण का तेरे।।
।।नित्य लगाते हैं फ़ेरा।।
।।भव्य बने इतिहास तुम्हारी।।
।।लीला का हे सर्वाधार।।
।।सदा अशीष तेरी मुझ पे यूँ।।
।।बनी रहे हे गुरु दतार।।
???? जयगुरूदेव ????
रचनाकार:- प्रेम देशमुख
जयगुरुदेव आवाज़ टीम