परम पूज्य संत बाबा जय गुरु देव जी महाराज

!! जय गुरुदेव नाम प्रभु का !! बाबा जी का कहना है, शाकाहारी रहना है, कलियुग जा रहा है, सतयुग आ रहा है

दयालु दया सिन्धु हैं नाम तेरे,

तो उपर दया क्यों नही होती मेरे।

तुम हो सिन्धु तो बूद मैं भी तुम्हारी,

किस अपराध से मैं बधीं काल घेरे।

तड़पती हू दिन रात मिलने को तेरे,

मैं बन्धन में तुम सुख की लेते हिलोरे।

तेरी अंष मैं इतना दुख पा रही हू,

पिता मेरे क्यों चुप खड़े दृष्टि फेरे।

दया दृष्टि एक बार यदि मुझ पर होती,

तो दुख जन्म मरने के कट जाते मेरे।