निरंजन भगवान ने मुझसे कहा कि महाराज जी अब आप चुप हो जाइऐ, अपना प्रचार बन्द कर दीजिए। पाप बहुत बढ़ गया है लोग मुझे ही नकारने लगे हैं। मैं बुरे लोगों को ठिकाने लगा दूगा। मैंने उनसे कहा कि थोड़ा मौका मुझे और दे दीजिए ताकि मैं इन सब लोगों को समझा लू। मेरी बात ये मान लेगें तो ठीक है नही तो आप की सृष्टि है जैसा चाहिएगा वैसा कीजिएगा। (1988-89) आगे भारत में ऐसी घटना होगी जिसकी चपेट में सारा विश्व आ जाऐगा। इतना बड़ा परिवर्तन होगा जिसकी तुम कल्पना भी नहीं कर सकते। कर्मफल सबको भोगना पड़ेगा। बुराइयों को छोड़कर आप लोग धर्म के रास्ते पर चल पड़ें तो इसमें आपकी भलाई है, आप बच जाऐंगे वर्ना मुसीबतों की आंधी चलेगी। मानना न मानना आपका काम।
(2001)