परम पूज्य संत बाबा जय गुरु देव जी महाराज

!! जय गुरुदेव नाम प्रभु का !! बाबा जी का कहना है, शाकाहारी रहना है, कलियुग जा रहा है, सतयुग आ रहा है

दया करके बड़ी गुरुवर
मुझे ये तन दिया तुमने
नही समझा मोल इसका
गंवा यूँ हि दिया हमने

भटकते लाख चौरासी
में जीते और मरते थे
नही था होश कुछ भी तो
करम अग्नि में जलते थे
नज़र कर के मेहर की तब
सहारा दे दिया तुमने
नही समझा मोल इसका
गवां यूँ हि दिया हमने ।

कई जन्मो के पुण्यों को
किया सञ्चित बिन बिन के
तुम्हारा ही करीना हैं
दिखाया आज का दिन ये
तुम्हारी इस दयादारी को भी
यूँ खो दिया हमने
नही समझा मोल इसका
गवां यूँ हि दिया हमने ।

सुना कर सार श्रीमुख से
बताया भेद निज घर का
रहे फिर भी कुशंका में
ना पाया सार ईश्वर का
मेरी ख़ातिर उठाये है
कई दुःख हे गुरु तुमने
नही समझा मोल इसका
गवां यूँ हि दिया हमने ।

तुम्हारे वादों वचनों को
भुलाने की ख़ता कर के
बहुँत पछता रहे हैं हम
गुरु तुमको न पा कर के
हमारे हाथ से अपना
डूबा बेड़ा दिया हमने
नही समझा मोल इसका
गवां यूँ हि दिया हमने ।

जहां इतनी दया कर दी
तो एक अहसान और कर दो
हे गुरुवर हे पतित पावन
ख़ता हर माफ़ तुम कर दो
तुम्हारे ही सहारे की
लगायीं आरजु हमने
नही समझा मोल इसका
गवां यूँ हि दिया हमने |

???? जयगुरूदेव ????
रचनाकार:- प्रेम देशमुख
जयगुरुदेव आवाज़ टीम