आपको क्या पता है कि बाबा जी के हाथ में क्या है। जाहिरा में तो कुछ नहीं लेकिन जिसके ऊपर ये हाथ रख दिऐ जाते हैं वही समझता है। कृष्ण ने गोपिकाओं को कैसे पागल कर दिया ? यह भारत का विज्ञान है इसको कलंकित मत कीजिए। सारी दुनियां आपके पास आऐगी। सारा विश्व इसको गुरू मानेगा। सबको आत्म कल्याण की प्रेरणा मिलेगी। इस प्रेरणा के होने से लोग दौड़ पड़ेगें। आप कहां तक किस किस को रोक सकोगे ? इस दरवाजे पर बैठकर थोड़ा इन्तजार कर लो देखो खुदी जाऐगी खुदा मिल जाऐगा। खुदा का दीदार और परमात्मा का दर्शन सब ने किया और आगे भी लोग करेंगे। अब भी जो लोग इस मार्ग पर चल रहे हैं उनको अनुभव होता है। जिसने संसार को खाक कर दिया उसको वह मिला। आप समय को नष्ट मत कीजिए नहीं तो वह देखिऐ वह धुआ उड़ रहा है। कल तक वह भी बहुत कुछ सोचता था और कहता था लेकिन आज देख लीजिऐ। मुझे तो खुशी है क्योंकि मरने से ही पाईये पूरण परमानन्द। जब तक उसकी मर्जी हो इस शरीर से सेवा ले ले और जब उसकी इच्छा हो हुक्म दे दे चलो। बोरिया बिस्तरा बांधे तैयार हैं हुक्म होगा चल देंगे। यहां कोई गम नहीं है। यहां कोई घटना नहीं होती है। यहां आनन्द की घटनाऐं होती हैं। कोई मिट्टी डालता है, कोई पानी डालता है, कोई झाड़ू लगाता है, कोई साधन-भजन में लगा है। यहां पर सेवा सद्भावना प्यार की घ्टनाऐं हो रही हैं। ये जो यहां आते हैं ये अज्ञानी नहीं हैं। यह सब समझते हैं। आप सोचते होंगे कि ये मूर्ख होंगे, हम इनको बर्गला देंगे तो आप होशियार रहिऐगा। इन्होंने अगर आपको समझा लिया तो आपको पता नहीं है कि ये क्या करेंगे। इस धरती पर जो भी आऐ हैं और जो आऐंगे ये सब इसी देश के ग्राम वासी हैं, नगरवासी हैं। ये अमेरिका, रूस और चीन, जापान के नहीं हैं। ये यहीं के लोग हैं। ये हराम की कमाई से काम नहीं करते। ये इनके खून और पसीने की कमाई है। ये इनकी सेवा ऐसी वैसी नहीं है, यह सच्चा संकल्प है। यह उड़नछू नहीं है जैसा तुम समझते हो। अगर विदेशी पैसे से धर्म का प्रचार होता तो आज सब ईसाई बन गऐ होते। हम छुप कर कोई काम नहीं करते हैं, खुल्लम खुल्ला काम करते हैं।
(शाकाहारी पत्रिका के सौजन्य से: 28 अक्टूबर 1980)