यह सृष्टि काल भगवान की है और तुम्हारे कर्मों के अनुसार तुम्हें फैसला सुनाया जाऐगा। तुम अच्छा करो या बुरा करो उसी के अनुसार फैसला हागा। काल भगवान में दया नहीं है। जो कुछ भी तुम करते हो उनके कर्मचारी बराबर नोट करते रहते हैं। साथ ही तुम्हारे क्रिया कलापों की फिल्म बनती रहती है। उसके दरबार में तुम झूठ नहीं बोल सकते हो। फिल्म में तुम्हारे कर्म ज्यों के त्यों दिखाई देंगे। मैं तो चाहता हूँ कि तुम्हारे पाप कर्म धुल जाऐं और तुम इस परदेश से निकल चलो और अपने घर पहुँचो जहाँ रोना-धोना, पाप -पु न्य, दुख तकलीफ कुछ भी नहीं है। जहाँ से आऐ हो वह अपने घर सतलोक पहुँच जाओ तो सदा के लिए सुखी हो जाओगे। फिर दुबारा तुम्हें यहाँ नहीं आना पड़ेगा।
महात्माओं की शिक्षा तुम्हें दुखों से छुड़ाने के लिए होती है। जो रास्ता तुम्हें भजन करने का रास्ता मिला है रोज करो। मैं तो चाहता हूँ कि तुम भजन करने लगो तो दुखों से छुटकारा मिल जाऐ। भजन करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं। करोगे तभी कुछ मिलेगा और नहीं करोगे तो नहीं मिलेगा। यह सीधा साधा सरल रास्ता है प्रभु को पाने का। तुम करोगे तो प्रकाश दिखाई देगा, दिव्यलोक दिखाई देंगे, शब्द, आवाज, देववाणी सुनाई देगी, जीवात्मा जाग जाऐगी होश में आ जाऐगी। जब अनुभव होने लगेगा तो धोखा किस बात का?