सभी वर्ग के लोगों को यह सन्देश है कि सत्य का शंखनाद बज चुका है। एक दिव्य पुरूष का सन्देश सुनने को मिलेगा। अब समय आ गया है कि परिवर्तन होगा। बुरे लोगों के बुरे दिन होंगे और अच्छे लोगों के लिए अच्छा समय आऐगा। देश का उत्थान होगा, धर्म की क्रान्ति होगी और बहुत कुछ होगा। उक बार सचेत होकर उस दिव्य सन्देश को सुनो जो तुम्हें तुम्हारा ज्ञान कराता है, जो सत्य और असत्य का भेद बताकर तुम्हारा लक्ष्य दिखाता है, जो समय का ज्ञान कराकर देश का भविष्य सम्भालता है, जो अत्याचार से बचाकर प्रेम का पाठ पढ़ाता है। यह महापुरूष का सन्देश कि राष्ट्र की उन्नति समय के साथ चलकर होगी घर-घर, गली-गली, राज्य और पूरे देश में गूजेगा जिससे राष्ट्र द्रोही भक्त हो जाऐंगे, समय की अवहेलना करने वाले समय को जान जाऐंगे। तो अपना लो इस सत्य को क्योंकि तुम्हे देश के भविष्य का निर्माण करना है और तुम्हें समय के एक पल की कीमत अदा करनी है। अगर चाहते हो स्वाभिमान से जीना, तुम्हारा देश भूखे-नंगे और गरीबों से हटकर खुशहाल हो जाऐ तो व्रत धारण कर लो कि तुम निःस्वार्थ भाव से समय की लाज रखकर देश के भविष्य का निर्माण करेंगे।
(1971)