गुरू चरणों में अपने लगा लीजै। मेरे भाग्य को स्वामी जी जगा दीजै।
मो सम पापी जगत कोउ नाहीं, मेरे पापों की गठरी जला दीजै।
काम क्रोध मद लोभ सतावे, इन दुष्टों को स्वामी जी भगा दीजै।
काल और माया हमें भरभावे, इन दोउ से प्रभु जी बचा लीजै।
तुम्हरे दरश की ये अंखिया हैं प्यासी, दर्शन देके प्यास बुझा दीजै।
बैन सुनन को श्रवण मेरे व्याकुल, अमृत भरी बाणी सुना दीजै।