इन माताओं के गर्भ से कुछ ऐसे बच्चों का अवतार हो गया है जो आपको सीधा करेंगे, दिल्ली वालों को भी सीधा करेंगे। वो बच्चे इन माताओं के गर्भ से आ गऐ और उसका ज्ञान आपको थोड़े दिनों में होने वाला है। उनका संकेत हर प्रांतों में हम कर देंगे। हमारी आवाज के साथ हमारी पत्रिका बनेगी और जहां तक ये हवा जाऐगी वहां तक यह पत्रिका जाऐगी और वह हवा आपमें प्रवेश कर जाऐगी। सब जगह घूम घूमकर यह हवा हम पहुँचा देंगे। औतारी शक्तियों का एक पूरा समाज एक पूरी नाट्यशाला उतरी हुई है जो यहां काम करेगी। यह संकेत हम पहले से ही आपको दे रहे हैं। वक्त का इन्तजार तो करना ही पड़ता है।
(1967)