परम पूज्य संत बाबा जय गुरु देव जी महाराज

!! जय गुरुदेव नाम प्रभु का !! बाबा जी का कहना है, शाकाहारी रहना है, कलियुग जा रहा है, सतयुग आ रहा है

सम्वत दो हजार के उपर ऐसा योग आएगा

महात्माओं ने जो वाणिया लिखी वो सब अपनी-अपनी जगह पर सही हैं पर उनका भेद भाव जब लोग भूल गए तो वहां केवल किताब ही किताब रह गई। अब कोई समझाने वाला नहीं रहा। जब उनके सामने कोई समझाने वाला आ जाए तो वो लोग कहते हैं कि हमें तो ऐसे किसी ने समझाया ही नहीं। कृष्ण ने कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है तब-तब धर्म के उत्थान के लिए कोई शक्ति मानव शरीर धारण करती है फिर अधर्म का नाश करती है और धर्म की स्थापना करती है। महापुरूष त्रिकालदर्शी होते हैं। सूरदासजी ने कई सौ साल पहले कह दिया कि ’सम्वत दो हजार के उपर ऐसा योग आएगा कि चारों तरफ अकाल पड़ेगा, मारामारी होगी और भयंकर समय हो जाएगा लेकिन ऐसे समय में वहीं लोग बचेंगे जो गुरू का ध्यान करेंगे और फिर सतयुग आएगा। राज नियम तो बदलते रहते हैं लेकिन धर्म के नियम नहीं बदलते। वह सनातन हैं, शास्वत हैं। धर्म के नियम जब टूटते हैं तब अव्यवस्था फैल जाती है क्योंकि धर्म मानव-मानव से जुड़ा हुआ है। राज नियम हत्या को कानूनी रूप दे दे तो आप यहा सजा से बचोगे लेकिन ईश्वरीय नियम में यह पाप है। आप जब उसके दरबार में खड़े किए जाऐंगे तो वह फैसला अपने नियमके अनुसार देगा। वह राजे महाराजे,मंत्राी-मिनिस्टर किसी को भी नही बख्शेगा। भारत एक आध्यात्मिक देश है। यहां की विभूतिया विश्व को नचाया करती थीं। महाभारत में कृष्ण ने विश्व के योद्वाओं को लड़ाकर कुरूक्षेत्र के मैदान में साफ करा दिया। आगे भी ऐसा ही होगा। दुनियां के तमाम देश मिलकर अपने आणविक हथियारों के साथ यदि भारत पर हमला कर दे तो फिर भी वो जीत नहीं पाऐंगे।

(2003)