जो लोग कानून बनाते हैं अगर वो खुद कानून का पालन नहीं करते हैं तो कभी भी आम आदमी आबाद नहीं हो सकता और लड़ाई झगड़े बढ़ जायेंगे। महात्मा जो कानून बनाते हैं तो खुद भी उसका पालन करते हैं और आपसे भी पालन करवाते हैं। जो कायदे कानून ऋषियों-मुनियों , महात्माओं ने बनाऐ आप उसके प्रतिकूल चलने लगे तो ऊपर बैठे दिव्य लोक में देवता जो इस सृष्टि का संचालन करते हैं वे सब नाराज हो गए हैं। आज हम उन नियमों के अनुकूल नहीं चल रहे हैं। वह तो महात्माओ का विशेष संकल्प है जो इस समय काम कर रहा है। अगर वो न होते तो न जाने अब तक क्या हो जाता। महात्मा किसी किस्म का तोड़-फोड़ नहीं कराते, आन्दोलन, हड़ताल नहीं कराते, मारा-मारी नहीं कराते। वे तो सबको प्यार मोहब्बत के सूत्र में बाधकर चलते हैं। अपने संकल्पों से वो क्या काम करते हैं किसी को नहीं मालूम। इतना जरूर है कि अब वक्त ज्यादा नहीं है और परिवर्तन जरूर होगा। धार्मिक लोग बचा लिए जाऐंगे।
(जून 2008)