परम पूज्य संत बाबा जय गुरु देव जी महाराज

!! जय गुरुदेव नाम प्रभु का !! बाबा जी का कहना है, शाकाहारी रहना है, कलियुग जा रहा है, सतयुग आ रहा है

बाबा जी चूकने वाले नहीं

बाबा जी बूढ़े हैं ; आपके सामने बैठे हैं। एक रूपये का साठ किलो चना खरीदा है, तीस वर्षों के पहले का वह स्वागत, सत्कार देखा, मर्यादा और अदब देखा। तीस वर्षों का सारा का सारा इतिहास देखा। सारी घटनाऐं देखीं। बाबा जी और बाबा जी के भक्त जिस दरख्त को लगाते हैं उसको कभी काटते नहीं हैं ; सींचते हैं पर दरख्त की बदकिस्मती है कि कोई हवा ऐसी आ जाऐ और दरख्त अपने आप सूख जाऐ और गिर पड़े तो बाबा जी क्या करें ? उनके भक्तों का क्या दोष ? बाबा जी तो चाहते हैं कि देश सुखी हो, समृद्धशाली हो, लोग धार्मिक हों, मानवता के गुणों से भरे हुऐ हों। शरीर में रह कर भौतिक विकास करें और आत्मा का भी कल्याण करें। सतयुग ढिंढोरे के साथ आऐगा बाबा जी ऐसी इच्छा रखते हैं। आप घबड़ाइये नहीं बाबा जी सब काम करेंगे। जब में आपको पहचान लेता हूं तो भूलता नहीं हूं ; आप मुझे भूल जाऐंगे। भगवान भी शायद देखने में चूक जाऐ पर बाबा जी चूकने वाले नहीं हैं। उनकी आंखों को कोई धोखा नहीं दे सकता। काल भगवान तक्षक दृष्टि से इस सृष्टि को देख रहे हैं। उनकी हरदम आंखें खुली रहती हैं। वह कब क्या कर दें ; कुछ कहा नहीं जा सकता। मुसलमानों तुम भी आकर खुदा के इस पैगा़म को सुन लो। मैं कोई जंगल का नहीं हूं ,कोई विदेशी नहीं हूं। यहीं गंगा जमुना के बीच रहता हूं। भारत में ही धर्म का प्रचार करता हूं। अब बिना देवताओं के प्रसन्न हुऐ बगैर काम होने वाला नहीं। सब देवता आपसे रूठ गऐ हैं और अब उनको प्रसन्न करना है।

(शाकाहारी पत्रिका के सौजन्य से: 28 जुलाई 1980)