समय का परिवर्तन होता है, समय का परिवर्तन होगा। काम का परिवर्तन, बोलने का परिवर्तन, देखने-सुनने का परिवर्तन मानव-मानव का परिवर्तन और युग का परिवर्तन होगा। श्रेय आपको दिया जाऐगा। भगवान ने आपको बुद्धि दी है उससे काम लो। जगत की वस्तुऐं समझने के लिए बुद्धि दी गई उससे सब कुछ ठीक समझो। सतयुग उधर से आने की तैयारी कर रहा है। थोड़े दिनों बाद वह पृथ्वी पर उतरेगा और आपको दिखा देगा कि उसका काम क्या है, उसका ज्ञान क्या है, उसका आनन्द क्या है, उसकी सेवा क्या है, उसकी प्यार और मोहब्बत क्या है, उसका न्याय और मानवता क्या है।
आप आये हमने दर्शन किया आपका हमने भी आपको देखा। आप भी तड़प रहे थे हम भी तड़प रहे थे। आप कुछ लेकर आये हो हम भी कुछ लेकर आये हैं। आपके पास जो है वह आप देना नहीं जानते हो हमारे पास जो है हम देना जानते हैं। आपके पास पापों का बोझा है वह हम ले लेंगे। हम क्या देंगे ? वह भी हम बताऐंगे। दुनिया के तमाम लोग आपको धोखा दें, प्रलोभन दें, सोना-चांदी दें, रूपया-पैसा दें, आप लोभ मत करिये। आप अपने प्रारब्ध पर, परमात्मा पर और धरती माता पर विश्वास करें। लोभ किया तो धोखा खा जाओगे। बाबा जी पर विश्वास करो। आपको धर्म सूत्र में और कर्म सूत्र में बंधना पड़ेगा। सत्य, सदाचार, सेवा, प्यार सब कुछ खत्म कर दिया और बर्बाद हो गऐ, न लोक के रहे न परलोक के रहे। इस लिए आप महात्माओं के साथ सम्बन्ध रखें और महात्माओं की बात मानें। अपना निशाना दूरदर्शी रखें। अभी तो मैंने आपको दूरदर्शी का अर्थ समझाया ही नहीं। दूरदर्शी की आवाज जन-जन के कानों में पहुंचा दें। यह आवाज बन्द न हो।
(शाकाहारी पत्रिका के सौजन्य से: 14 सितम्बर 1980)