अब सौप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथो में !
हे जीत तुम्हारे हाथो में, और हार तुम्हारे हाथो में
मेरा निशचय बस एक यही, एक बार तुम्हे पा जाऊ में !
अर्पण कर दू दुनिया भर का, सब प्यार तुम्हारे हाथो में !
यदि जग में रहू तो ऐसे रहू, ज्यो जल में कमल का फूल रहे !
मम अवगुण दोष समर्पित हो, भगवान तुम्हारे हाथो में !
यदि मानुस का मुझे जनम मिले, तब इन चरणों का में भक्त बनू !
इस भक्त की नस नस,रग रग का, हो तार तुम्हारे हाथो में !
जब जब संसार का केदि बनू, निष्काम भावः से काम करू !
फिर अंत समय में प्राण तजू, निराकार तुम्हारे हाथो में !
मुज में तुज में बस भेद यही, मै नर हु तुम नारायण हो !
मै हु संसार के हाथो में, संसार तुम्हारे हाथो में !