परम पूज्य संत बाबा जय गुरु देव जी महाराज

!! जय गुरुदेव नाम प्रभु का !! बाबा जी का कहना है, शाकाहारी रहना है, कलियुग जा रहा है, सतयुग आ रहा है

गुरूदेव तुम्हारे चरणों मे, सतकोटि प्रणाम हमारा है ।

मेरी नइया पार लगा देना, कितनो को पार उतारा है ।

मैं बालक अबुध तुम्हारा हॅ, तुम समरथ पिता हमारे हो ।

मुझे अपनी गोद बिठा लेना, दाता लो भुजा पसारा है ।

यद्यपि संसरी ज्वालायें, हम पर प्रहार कर जाती हैं।

पर शीतल करती रहती है, तेरी शीतल अमृत धारा है ।

जब आधी हमें हिला देती, ठंडी जब हमें कपां देती ।

मुस्कान तुम्हारे अधरों की, दे जाती हमें सहारा है ।

कुछ भुजा उठा कर कहते हो, कुछ महामन्त्र सा पढ़ते हो ।

गद-गद हो जाता हू स्वामी, मिल जाता बड़ा सहारा है ।

उस मूर्ति माधुरी की झांकी, यदि सदा मिला करती स्वामी।

सौभाग्य समझते हम अपना, कौतूहल एक तुम्हारा है ।

फिर बारम्बार प्रणाम करू, चरणों में शीश झुकाता हू ।

अब पार अवश्य हो जाऊगा, तुमने पतवार संभारा है ।