परम पूज्य संत बाबा जय गुरु देव जी महाराज

!! जय गुरुदेव नाम प्रभु का !! बाबा जी का कहना है, शाकाहारी रहना है, कलियुग जा रहा है, सतयुग आ रहा है

अब सौप दिया इस जीवन का सब भार तुम्हारे हाथों मे ।
हे जीत तुम्हारे हाथों मे और हार तुम्हारे हाथों मे ।।१।।

मेरा निश्चय बस एक यही एक बार तुम्हे पा जाऊँ मे ।
अर्पण कर दूँ दुनिया भर का सब प्यार तुम्हारे हाथों मे ।।२।।

यदि जग मे रहूँ तो ऐसे रहूँ ज्यों जल मे कमल का फूल रहे ।
मम अवगुण दोष समर्पित हों भगवान तुम्हारे हाथों मे ।।३।।

यदि मानस का मुझे जनम मिले तब इन चरणोंका मे भक्त बनूं ।
इस भक्त की नस नस रग रग का हो तार तुम्हारे हाथों मे ।।४।।

जब जब संसार का कैदी बनूं निष्काम भाव से काम करुं ।
फिर अन्त समय मे प्राण तजूँ गुरुदेव तुमहारे चरणों मे ।।५।।

मुझ मे तुझ मे बस भेद यही मै नर हूँ तुम नारायण हो ।
मै हूँ सन्सार के हाथों मे सन्सार तुम्हारे हाथो मे ।।६।।

अब सौप दिया इस जीवन का सब भार तुम्हारे हाथों मे ।
हे जीत तुम्हारे हाथों मे और हार तुम्हारे हाथों मे ।।।।