परम पूज्य संत बाबा जय गुरु देव जी महाराज

!! जय गुरुदेव नाम प्रभु का !! बाबा जी का कहना है, शाकाहारी रहना है, कलियुग जा रहा है, सतयुग आ रहा है

अनामी तुमको जयगुरुदेव कह कर के बुलाऊँ मै
नही आधार कोई ध्यान फिर कैसे लगाऊ मैं।।१।।

जगह भी है नही मालूम जहाँ पर आप मिलते हैं,
तेरे सतधाम का कैसे पता भगवान पाऊँ मैं।।२।।

बहुत दौड़ा बहुत ढूंडा जवानी धन किया ख्वारी,
मिले गुरुदेव बोले राह वह तुमको बताऊ मैं।।३।।

अगम की धार पाया प्रेम की डुबकी लगाया मैं,
मगर इस बीच ये कैसा हुआ किस्सा सुनाऊ मैं।।४।।

वो रहवर दूर हमसे हो गये दर्शन नही देते,
पड़ा मझधार मे हूँ पार अब क्यों कर के पाऊँ मैं।।५।।

अजी इक़रार करने वाले क्यूँ इक़रार से मुड़ते,
तुम्हारा नाम जयगुरुदेव तजि किसको बुलाऊँ मैं।।६।।

मगर वाह रे दया सागर तड़फ मे ही तू मिलता है,
तड़फ मे आ मिलो स्वामी गले तुमको लगाऊ मैं ।।७।।

अनामी तुमको जयगुरुदेव कह कर के बुलाऊँ मैं,
नही आधार कोई ध्यान फिर कैसे लगाऊ मैं।।८।।