परम पूज्य संत बाबा जय गुरु देव जी महाराज

!! जय गुरुदेव नाम प्रभु का !! बाबा जी का कहना है, शाकाहारी रहना है, कलियुग जा रहा है, सतयुग आ रहा है

फागुन के दिन चार, होली खेल मना रे|
बिन करताल पखावज बाजे, अनहद की झनकार
होली खेल मना रे||१||

बिन सुर राग छत्तीसों गावे, रोम-रोम रंग सार |
होली खेल मना रे||२||

शील संतोष की केसर घोली, प्रेम प्रीत पिचकार |
होली खेल मना रे||३||

उड़त गुलाल लाल भये बादल, बरसत रंग अपार |
होली खेल मना रे||४||

घट के पट सब खोल दिए हैं, लोक लाज सब डार |
होली खेल मना रे||५||

होली खेल प्यारी पिया घर आए, सोई प्यारी पिय प्यार |
होली खेल मना रे||६||

मीरा के प्रभु गिरधर नागर, चरण कवँल बलिहार |
होली खेल मना रे||७||