(सतगुरु बाबा जय गुरुदेव जी महाराज)
मेरे प्यारे गुरु दातार मंगता द्वारे खङा ।
मैँ रहा पुकार-पुकार मेहर कर देखो जरा ।
मोहि दीजे भक्ति दान,काल दुःख बहुत दिया ।
मेरे तङप उठी हिय मांहि,दरस को तरस रहा ।
बरसाओ घटा अपार,प्रेम रंग दीजे वहा ।
सुरत भीजै अमी रस धार,तन मन होवे हरा ।
मेरा जीवन सुफल होई जाये,तुम गुण गाऊँ सदा ।
मैँ नीँच अधम नाकार तुम्हारे द्वारे पङा ।
मेरी बिनती सुनो धर प्यार घट उमगाओ दया ।
सतगुरु स्वामी पिता हमार जल्दी पार किया ।