जिन्होंने हमे सत का मार्ग दिखया
चलो प्रेमियों हमको गुरु ने बुलाया
ठंडी हवाओं ने पैगाम लाया
चलो प्रेमियों हमको गुरु ने बुलाया|
चलो घर से निकलो कुछ भी न सोचो
जगह हैं बनानी तो पहले ही पहुँचो
ऊंचे सिंघासन पे आसन लगाया
चलो प्रेमियों हमको गुरु ने बुलाया।
भरम कैसे कैसे ये दिल मे हो पाले
हमे छोड़ के गुरुजी यूँ ना जाने वाले
मुझे उनके वादों ने भरोषा दिलाया
चलो प्रेमियों हमको गुरु ने बुलाया।
क्यु हिचकीचाते हो क्यू ऐसे डरते
अनामी प्रभु हैं वो ऐसे नही मरते
जन्मने और मरने से जिसने बचाया
चलो प्रेमियों हमको गुरु ने बुलाया।
जिन जिन को मैंने दिया नाम का धन
जब तक ना पहुँचा दूँ उनको मैं निजवतन
तब तक रहेंगे वो ये फरमान आया
चलो प्रेमियों हमको गुरु ने बुलाया।
लीला जरासी ऐ गुरु ने दिखायी
पिछड़ तुम गये कैसे कहो मेरे भाई
किस ने तुम्हारे मन को डिगाया
चलो प्रेमियों हमको गुरु ने बुलाया।
जिन्हें तुम ने मथुरा में जी भर के देखा
उन्ही की मैं कहता हूँ मानो ना धोखा
हमारे लिये जो मनुज बन के आया
चलो प्रेमियों हमको गुरु ने बुलाया।
यही हैं परीक्षा गुरु के कराई
गुरु दक्षिणा की ये घड़ी शुभ आई
खरा जो भी उतरें वो उनमें समाया
चलो प्रेमियों हमको गुरु ने बुलाया।
???? जयगुरूदेव ????
रचनाकार:- प्रेम देशमुख
जयगुरुदेव आवाज़ टीम