परम पूज्य संत बाबा जय गुरु देव जी महाराज

!! जय गुरुदेव नाम प्रभु का !! बाबा जी का कहना है, शाकाहारी रहना है, कलियुग जा रहा है, सतयुग आ रहा है

बड़ा भागता दौड़ता ये मेरा मन।
इसे थाम के कम करा दो गुरु।।
यहीं सारे उत्पात करता हमेशा
जरा हाथ इसपे लगा दो गुरु।।

मेरे पास करता हैं शैतानी हरदम।
तुम्हरा जीकर हो तो पड़ता हैं कुछ कम।।
इसे पास अपने बिठा लो गुरु।
जरा हाथ इसपे जमा दो गुरु।।

मैं समझाऊ हर पल नही मानता ये।
नया नित तमाशा सदा चाहता ये।।
जरा इसका चस्का मिटादो गुरु।
दो हाथ इसपे लगा दो गुरु।।

गति इसकी मेरी समझ से बाहर।
ना ठहरें कहि और ना माने कोई डर।।
इसे डर दिखाकर डरा दो गुरु।
जरा शांत शीतल करा दो गुरु।।

पल पल बदलता रहे एक सा ना।
मेरे वश में ना हैं समझ इसको पाना।।
अब बस में इसको करा दो गुरु।
अब तुम ही इसको सम्भालो गुरु।।

ऐ सुनता तुम्हारी हैं तुम ही सुनाओ।
तुम्हारी ये माने हैं तुम ही मनाओ।।
मनाके भजन में लगा दो गुरु।
सोई सुरतियाँ जगा दो गुरु।।

बड़ा भागता दौड़ता ये मेरा मन।
इसे थाम के कम करा दो गुरु।।
यही सारे उत्पात की जड़ हैं जग में।
जरा हाथ इसपे जमा दो गुरु।।

???? जयगुरूदेव ????
रचनाकार:- प्रेम देशमुख
जयगुरुदेव आवाज़ टीम