भारतीयता – हमारी असली पहचान तिथि कुआर मासे शुक्ल पक्ष तिथि पंचमी 8 अक्टूबर 2024 हम सब भारतीय हैं और भारतीय होने के नाते हमारी अपनी भाषा, खानपान और पहनावा है। लेकिन हमने अपनी भाषा, भूषा और भोजन को बिसार कर पश्चिमी सभ्यता अपना लिए जिसके कारण हम चिरकाल से दुखी हैं। अगर सुखी होना […]
अरे मन रंग जा सतगुरु प्रीत । होय मत और किसी का मीत ।। 1 ।। यही अब धारो हित कर चीत । बिना गुरु जानो सभी अनीत ।। 2 ।। गुरु से लेना जा उन सीत । तजो सब कलमल रहो अजीत ।। 3 ।। मार लो मन को यही पलीत। सुरत में धरो […]
तीसरे विश्व युद्ध की घोषणा:- अमेरिकी भविष्यवक्ता एन्डरसन को कौन नहीं जानता है। उनका कहना है कि साइबेरिया के मैदान में रूस अथवा चीन के द्वारा कोई आणविक परीक्षण होगा जिससे वहां की भूमि फट जावेगी और लाखों लोग मर जावेंगे। इस विस्फोट से पृथ्वी का आकार बदल जायेगा। समुद्रों में भारी तूफान उठेंगे। भीषण […]
उस महापुरुष के बारे में और अग्रिम विनाश की चेतावनी:- प्रोफेसर हरार का जन्म इसरायल के एक धर्मनिष्ठ यहूदी परिवार में हुआ था। अपनी अचूक और शत प्रतिशत सत्य भविष्यवाणियों के लिये वे विश्व में विख्यात हैं। उन्होंने ‘नवयुग आएगा’ सम्बन्धी एक विचार गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त किये थे। उन्होंने कहा’ रात्रि का प्रथम […]
रे मन धीरज क्यों न धरे । एक सहस्त्र नौ सौ के ऊपर ऐसो योग परे । शुक्ल जयनाम संवत्सर, छट सोमवार परे । हलधर पूत पवार घर उपजे, देहरी छत्र धरे । मलेच्छ राज्य की सगरी सेना, आप ही आप मरे । सूर सबहि अनहोनी होइहै, जग में अकाल परे । हिंदू मुगल तुरक […]
पोथी १ :- एक बार रविदास ज्ञानी, कहन लगे सुनो अटल कहानी । कलयुग बात सांच अस होई, बीते सहस्त्र पांच दस दोई । भरमावे सब स्वारथ के काजा, बेटी बेच तजे कुल लाजा । नशा दिखावें घर में पूरा, मात-बहन का पकड़े जूरा । अण्डा-मांस मछलियां खावें, भिक्षा कर अति पाप कमावें । जबरी […]
जब कबीर साहब अपना चोला 120 वर्ष की उम्र में छोड़ने वाले थे, तब अपने सबसे प्रिय भक्त छत्तीसगढ़ के महाराजा धर्मदास से बताया कि धर्मदास! लिख लो, आगे हम फिर आयेंगे। कब आयेंगे, क्या करेंगे और किसको मेरी पहचान होगी! उसका वर्णन नीचे…. ‘हंसा घबड़ईहो मत, हम फिर आवेंगे’ काशी धाम मुक्ति का […]
जगेगा भारत, जगेगा भारत, भारत जगाने आ रहा । आओ प्यारे आओ प्यारे, ज़माना बदलने जा रहा । समय से आओ, समय से आओ, समय तुम्हारा आ रहा । बिगड़ चुके तुम बिगड़ चुके तुम, बनाने तुमको आ रहा । दुखी हो तुम दुखी हो तुम, दुख तुम्हारा छुड़ाने आ रहा । लड़ मरे तुम, […]
जो तूं हरि नमवां दियो है भुलाय ॥ असढ़वा बोईबो, कुवरवा कटबो, बुइबो कतिकवा अघाय। आगे चलि के सूखा पड़ि हैं, तब तूं का बोईबो भाय ॥१॥ अन्न बिना सब भूखन मरिहैं, फिर या कहुं नाहिं सुहाय। साथे महियां गदरो होइहैं, ईमान कोई बिरले लाय ॥ २॥ लड़े सब शहाना रियाया, कोई न धीर धराय। […]
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