परम पूज्य संत बाबा जय गुरु देव जी महाराज

!! जय गुरुदेव नाम प्रभु का !! बाबा जी का कहना है, शाकाहारी रहना है, कलियुग जा रहा है, सतयुग आ रहा है

12th December 2020


12th December 2020


12th December 2020


12th December 2020


11th December 2020

सवाल स्वामी जी क्या अण्डा पौष्टिक भोजन है? जवाब अण्डा पौष्टिक भोजन नहीं है। जो लोग ऐसा कहते हैं वह सही नहीं है। अण्डा शाकाहारी नहीं है। अण्डे से जीव का जन्म तो होता है। पक्षियों के मासिक खून से ही उसका निर्माण होता है और उसी गन्दे मासिक खून को और लोथड़े को आमलेट […]


11th December 2020

सवाल बाबा जी जो दुनियां हम देखते हैं और यहाँ कर्म करते हैं फिर यहाँ दुख-सुख भी पाते हैं। लोग कहते हैं कि यहीं सब कुछ है, स्वर्ग-नर्क सब यहीं है और यहीं हमें सब भोगना पड़ता है। तो क्या इसके अतिरिक्त कोई लोक या स्वर्ग-नर्क नहीं है ? जवाब हमारे मानने या न मानने […]


11th December 2020

सवाल स्वामी जी! संसार के बन्धन बड़े विकट हैं, कैसे कटेंगे? जवाब संसार के बन्धन बहुत से हैं एक दो नहीं। काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार ये सब तो प्रत्यक्ष बन्धन हैं। इन्हें काटना सरल काम नहीं। इनको ढीला करना है तो शील, क्षमा, संतोष, विरह, विवेक को अपनाना होगा। काम आवे तो उसे […]


11th December 2020

एक राजा था। वह बहुत न्याय प्रिय तथा प्रजा वत्सल एवं धार्मिक स्वभाव का था। वह नित्य अपने इष्ट देव को बडी श्रद्धा से पूजा-पाठ ओर याद करता था। एक दिन इष्ट देव ने प्रसन्न होकर उसे दर्शन दिये तथा कहा– “राजन् मे तुमसे बहुत प्रसन्न हैं। बोलो तुम्हारी कोई इच्छा हॆ?” “यह तो सम्भव […]


11th December 2020

एक राजा था जिसने अपने राज्य में क्रूरता से बहुत सी दौलत इकट्ठा करके आबादी से बाहर जंगल में एक सुनसान जगह पर बनाए तहखाने मे सारे खजाने को खुफिया तौर पर छुपा दिया था। खजाने की सिर्फ दो चाबियां थी, एक चाबी राजा के पास और एक उसके एक खास मंत्री के पास थी। […]


11th December 2020

एक दिन फकीर के घर रात चोर घुसे। घर में कुछ भी न था। सिर्फ एक कंबल था, जो फकीर ओढ़े लेटा हुआ था। सर्द रात, फकीर रोने लगा, क्योंकि घर में चोर आएं और चुराने को कुछ नहीं है, इस पीड़ा से रोने लगा। उसकी सिसकियां सुन कर चोरों ने पूछा कि भई क्यों […]


11th December 2020

गुरुवर दया के धाम मेरा आपको नमन। मिलती रहे सदा ही मुझे आपकी शरण।। गुरुवर दया के धाम मेरा आपको नमन। जंजाल जग का सारा मुझे घेर के खड़ा। सब आश छोड़ कर के तेरे व्दार आ पड़ा।। आये समझ न कौन सा अब मैं करू जतन। विषयों में भाग भाग मेरे जिंदगी के दिन। […]


11th December 2020

तेरी महिमा मैं क्या जानू। तेरा किया कैसे पहचानूं।। इतना नही हैं ज्ञान। मैं नादान मैं अनजान।। कभी भरोषा तुझपे आये। कभी डोल मेरा मन जाये।। रहे ना एक समान। मैं नादान मैं अनजान।। कब तक धीर बंधाऊ खुद को। रास न कोई आये मुझको।। सारा जगत वीरान। मैं नादान मैं अनजान।। बेबस हाथ कुछ […]