मेरे खुले हृदय के द्वार मेरा मन मंदिर तैयार मेरी पूजा करो स्वीकार गुरुजी मेरे आ जाओ एक बार कूड़ा कचरा बिन बिन कर के दूर रख दिया जा कर के चमकाई हर दीवार हर कोना दिया बुहार मेरी अर्जी हैं मनुहार गुरुजी मेरे आ जाओ एक बार आओ बिराजो सिंगासन पे जड़ित रत्नों के […]
तुफानो से घिर के भी जो बच के निकल जाया करते दीवाने तो दीवाने हैं सदा दीवाने ही रहते राहे कितनी भी मुश्किल हो जरा न पाँव फ़िसलते हैं ये बात भला वो क्या जाने मौसम की तरह जो बदलते हैं एक बार जो दामन थाम लिया तो कभी छोड़ ना पाएंगे हद चाहे जो […]
सुन ले रे नर चतुर सुजान ना कर अभिमान छोड़ नादानी तेरी दो दिन की जिंदगानि अभी आयेगा यम का फ़रमान अरे तू मान ना कर मनमानी तेरी होगी रे खतम कहानी जिस तन पे हैं तो इतराये ये माटी में मिल जाये तेरे जितने हैं सगे सम्बन्धी कोई एक भी का न आये सब […]
तेरी चाहत में ऐ हमदम मेरे हद से गुजर लेंगे किसी ने ना किया होगा वही हम काम कर देंगे तमन्ना में तेरी ऐ जिंदगी होगी फ़ना तो क्या मेरे मोहशीन तेरी आरजू में आज मर लेंगे मेरा आगाज तुझसे हैं मेरा कल आज तुझसे हैं शुरू तुमसे हुये हैं हम ख़तम तुमपे ही कर […]
तूम जानते हो मुझको कितना मैं चाहूँ तुझको मेरी चाहतो से तंग आके तुमने चेहरा बदल लिया है।। कितने भी करो बहाने कितने भी बदल लो बाने हम भी तेरे दीवाने आखिर पकड़ लिया है।। तेरे प्रेम का ये झरना बहता जो जा रहा हैं तेरी मीठी दया की धारा दिल पहिचान पा रहा […]
अलख अगम अपार प्रभु गुरुवर दया निधान सदा सहज मोहे प्राप्त हो तुम चरनन स्थान भूल चूक ग़लती गुनाह भला बुरा नही ज्ञान सदा समझ निज दास मोहे ख़ता ना लाना ध्यान जब से हो गयी दया तुम्हारी हर्ष बचा ना शोक मेरा तेरे चरण में ही सारे मंडल तू ही स्वयं सतलोक मेरा तुम […]
मैं रिझाऊँ कैसे तुमको रिझाऊँ कैसे रूठ गया हैं मेरा सांवरियां हाय! करू क्या मनाऊँ कैसे सूझ बूझ मोरी तो काम न आये कासे कहूँ कोई राह न पाए हाले ज़िया का सुनाऊँ कैसे मैं मनाऊँ कैसे तुमको। हैं सब ठौर पर नजर ना आये सपनेहुँ कोई संदेश ना लाये तडफ़ जिया की मिटाऊँ कैसे […]
स्तुति तेरी करते मेरी बीत जाए ये उमर तमाम तुझ अनुकंपा से प्रियकन्ता सुख दुःख से होऊँ ऊपराम साँस साँस पे हर पग पग पर लेता रहूं बस तेरा नाम मैं अज्ञानी करू नादानी क्षमा करो हे पूरनकाम कुटिल कलुषित मन ये मेरा झुकें सदा तेरे आगे हे कृपाल अब करो कृपा सब दूर भरम […]
मेरे मन को बना लो निजधाम गुरूजी मेरे मन को बना लो निजधाम सदा सदा को कर के बसेरा घट में जगादो निज नाम गुरुजी मेरे मन को बना लो निजधाम| ऐसे तो मन मेरा लागे कहि ना जब जब मनाऊ ये माने कभी ना पाये कहि ना विश्राम गुरुजी मेरे मन को बना लो […]
आज अट्ठारह की ये अंतिम रैना हैं सारे प्रेमियों से मेरा एक ही कहना हैं वादा उन्नीस से करे गुरु आज्ञा में रहना है।। आज अट्ठारह की ये अंतिम रैना हैं चैत्र सा चित्त बने चमकीला चरित्र बने कुछ आँधी गरम तो चले भीतर शीतलता छने सतभाव का उदगम हो यही याचना करना है सारे […]
जिन्होंने हमे सत का मार्ग दिखया चलो प्रेमियों हमको गुरु ने बुलाया ठंडी हवाओं ने पैगाम लाया चलो प्रेमियों हमको गुरु ने बुलाया| चलो घर से निकलो कुछ भी न सोचो जगह हैं बनानी तो पहले ही पहुँचो ऊंचे सिंघासन पे आसन लगाया चलो प्रेमियों हमको गुरु ने बुलाया। भरम कैसे कैसे ये दिल मे […]
दया करके बड़ी गुरुवर मुझे ये तन दिया तुमने नही समझा मोल इसका गंवा यूँ हि दिया हमने भटकते लाख चौरासी में जीते और मरते थे नही था होश कुछ भी तो करम अग्नि में जलते थे नज़र कर के मेहर की तब सहारा दे दिया तुमने नही समझा मोल इसका गवां यूँ हि दिया […]