हे परम पुरुष हे परमानंद हे पूरण ब्रह्म परम सत्ता, है विद्यमान तेरी हस्ती जाहिर करता पत्ता पत्ता। चेतन के चेतन महाधनी तू महासिंध असीमित अनुपम, हे अरचित तुम स्वयं शक्ति हे स्वयंभुव स्वमेव स्वयम। आकार प्रकार से सर्वोपरि हे रचनाकर रचनावो के, करते हो कर्म हो के अकर्म हे निराकार आकारों के। कोई जान […]
भूमि वही हैं गगन वही हैं प्रेम का पड़ा आकाल हैं मन हैं मैला भाव विषैला षडयंत्रो का जाल हैं। सच्चाई कहने वालों का कौन करे अहवाल हैं गज़नवी गौरी कंस शकुनि मक्कारों की कमाल हैं। भीड़ में भिड़ते भड़कावे में खोजा करते दयाल हैं जोर जुगत से जतन लगा के ख़ुदा बने चांडाल हैं। […]
एक बार अर्जी तो मान लो गुरुजी मुझे काल की नगरिया से निकाल दो गुरुजी इतनी सी बिनती हैं मान लो गुरुजी मुझे काल की नगरिया से निकाल दो गुरुजी शाम सबेरे तेरा भजन करू मैं, रूप निहारु तेरा ध्यान धरु मैं। नजर मेहर की मुझपे डाल दो गुरुजी।। मुझे काल की नगरिया से निकाल […]
जय जय गुरुदेव महाराज जय जय गुरुदेव महाराज। तुम्हरे दर्शन की अभिलाषा मन मे जागी आज।। जय जय गुरुदेव महाराज । तुम्हरी ही किरपा से सतगुरु, हमने पाई राह वतन की। तुम्हरी दया से ही मेरे गुरुवर, मन मे जागी चाह मिलन की।। तुमने ही हमको बतलाया अपने घर का राज। जय जय गुरुदेव महाराज […]
लौट कर आएंगे रे, मेरे गुरुवर कृपा निधान। दरश दिखलायेंगे रे, मेरे गुरुवर कृपा निधान।। कारण था कोई जाने का। वादा किया हैं पर आने का।। तो वापस आएंगे रे, मेरे गुरुवर कृपा निधान। कोई माँ अपने बच्चो को। छोड़ के जाये कैसे सोचो।। ममता मर जायेगे रे, मेरे गुरुवर कृपा निधान। कोई पिता संतान […]
ले जइयो कोई ले जइयो हमरे गुरुजी के पास ख़बरिया ले जइयो । कह दईयो जा के कह दईयो आये हैं तुम्हरी याद ख़बर मोरी ले जइयो । काम क्रोध मोहे बहुत सतावै । लोभ मोह से बचो ना जावै।। लेवै ना दईये स्वास । ख़बरिया ले जइयो। थक गई जीवने को ढोते ढोते । […]
मेरे दाता कहाँ ढूंढू तुम्हे कहाँ खो गये हो तुम, हुई कैसी ख़ता हमसे कहो कहॉ हो गये हो गुम, राह देखे तुम्हारी ये नैना हर पल पल में दिन और रैना । आओ आओ प्रभु जी आ जाओ दिल तरसते को मिल जाये चैना । ऐसे भी क्या रूठे हो हमसे क्षमा प्रभु हमको […]
शुभ अशुभ और सुख दुख के मैं , कभी न झूले में झुलूँ। है प्रियनाथ सृस्टि के अंत तक, तुम्हे न एक पल को भूलूँ। तुम से बढ़ कर तीन लोक में कभी न कोई मेरा हो। मेरा मुझमेँ कुछ ना बचें सब तू ही हो सब तेरा हो। नाथ अनाथ के निर्बल के बल, […]
मेरी शिराओं में रक्त बनके, तुम्हारा नाम प्रवाहित हो रक्त के प्रत्येक तत्वों में, तुम्हारा प्रेम समाहित हो श्रवण इंद्री में हर क्षण ही, तुम्हारा नाम हो गुंजन जिह्वा जब भी खुले मेरी, तुम्हारे महात्म्य का हो वर्णन नेत्रों कि जहां तक हो परिधि, दृश्य तुम्हारा लौकिक हो अंतः पटल पे अंकित हो छवि, कल्पित […]
विनय करूं मैं दोऊ कर जोरे, सतगुरू द्वार तुम्हारे। बिन घृत दीप आरती साजूं, दोउ अंखियन मझधारे।। भाव सहित नित बैठी झरोखे, जोहत प्रियतम प्यारे। पग ध्वनि सुनुं श्रवण हिय अपने, मन के काज बिसारे।। जागी सुरत पियत चरनामृत,पियत पियत हुई न्यारे। घंटा, शंख, मृदंग, सारंगी, बंशी बीन सुना रे।। जयगुरूदेव आरती करती, गावत जय […]
तुम न आये गुरुजी, सुबह हो गई। मेरी पूजा की थाली सजी रह गई।। भोग रक्खा रहा, फूल मुरझा गए। आरती थी जली की जली रह गई।। क्या बुलाने में कोई कमी रह गई। तुम न आये गुरुजी सुबह हो गई।। हमसे रूठे हो क्यों, आप आते नहीं। कोई अपराध मेरा, बताते नहीं।। टेरते-टेरते सांस […]
करूँ वीनती दोऊ कर जोरी, अर्ज सुनो राधा स्वामी मोरी ।।१।। सतपुरुष तुम सतगुरु दाता, सब जीवन के पितु और माता ।।२।। दया धार अपना कर लीजै, काल जाल से न्यारा कीजै ।।३।। सतयुग, त्रेता, द्वापुर बीता, काहू ना जानी शब्द की रीता ।।४।। कलयुग मे स्वामी दया बिचारी, परगट करके शब्द पुकारी ।।५।। जीव […]