परम पूज्य संत बाबा जय गुरु देव जी महाराज

!! जय गुरुदेव नाम प्रभु का !! बाबा जी का कहना है, शाकाहारी रहना है, कलियुग जा रहा है, सतयुग आ रहा है

8th December 2020

सत्संगियों को उपदेश इस देह मन्दिर में चैबीस घण्टे लगातार शब्द धुन हो रही है उसे रोज रोज सुनो। वह ईश्वरीय संगीत है जो हर घट में हो रही है जिस कदर फुरसत मिले उसे सुनते रहे। जितना सुनोगे उतना ही निर्मल हो जाओ। अन्तरमुख शब्द में सुरत को जोड़ना चाहिए। सतगुरू का स्वरूप हर […]


8th December 2020

गुरू जनु आवन को हैं, भये नभ मण्डल लाल जयगुरुदेव सत्संग के प्रारम्भिक दिनों में प्रेमी एक प्रार्थना गाते थे कि- गुरू जनु आवन को हैं, भये नभ मण्डल लाल। गुरू चेतन है। उसकी बैठक मनुष्य शरीर में दोनों आंखों के पीछे है। भजन ध्यान करके साधक अपनी चेतनता को सिमटा कर दोनों आंखों तक […]


8th December 2020

परिवर्तन का समय निश्चित है परिवर्तन का समय निश्चित है और उसी का इन्तजार हो रहा है। अपील के स्वर में बाबा जी ने कहा कि लोग शाकाहारी हो जांय तो अच्छा है वर्ना अशुद्ध आहार के दुष्परिणाम भोगने पड़ेंगे। दोनों भवों के पीछे जीवात्मा का घाट है वहां आ जाओ तो वहां सुख मिलेगा, […]


8th December 2020

बंदरो की किस्मत – एक प्रेमी का संस्मरण एक बार स्वामी जी महाराज बबराला गये जो जिला बँदायू मेँ पङता है । उन दिनोँ आर. बी. लाल साहब कस्टम एंड सेँट्रल एक्साइज मेँ इंसपेक्टर थे । उनके मकान पर स्वामी जी रुके थे । दोपहर मेँ स्वामी जी के साथ मैँ छत पर बैठा था […]


8th December 2020

सत्संग बड़ा है या तप एक बार वशिष्ठ जी और विश्वामित्र जी में बहस छिड़ गयी की सत्संग की महिमा बड़ी है या तप की महिमा| वशिष्ठ जी का कहना था सत्संग की महिमा बड़ी है, तथा विश्वामित्र जी का कहना था कि तप का महात्म बड़ा है| जब फैसला न हो सका तो दोनों […]


8th December 2020

आध्यात्मिक कहानी :: सबसे ऊंची प्रार्थना एक व्यक्ति जो मृत्यु के करीब था, मृत्यु के पहले अपने बेटे को चांदी के सिक्कों से भरा थैला देता है और बताता है कि जब भी इस थैले से चांदी के सिक्के खत्म हो जायं तो मैं तुम्हें एक प्रार्थना बताता हूं, उसे दोहराने से चांदी के सिक्के […]


8th December 2020

छोटी कहानी की बड़ी सीख :: दुश्मनी का राज एक राजा के राज्य में बहुत बड़ा सेठ रहता था। उसके पास अपार धन था। एक समय राजा ने सेठ को बुलवाया। राजा सेठ से मिलकर बहुत खुश हुआ और वह बोला कि तुम मेरे महल में आया करो। अब सेठ बराबर राजा के पास जाने […]


8th December 2020

छोटी कहानी की बड़ी सीख :: सत्संग की महिमा एक बार का जिक्र है। एक बहुत बड़ा चोर था। जब वो मरने लगा तो अपने बेटे को बुलाकर नसीहत दी, कि अगर तुझे चोरी करना है तो किसी महात्मा के सत्संग में गुरुद्वारा, धर्मशाला या धर्म स्थल पर मत जाना कभी, इनसे दूर ही रहना और […]


8th December 2020

अंतर्यामी लख गया माँ एक दिन चौके में खीर बना रही थी. उसका बच्चा कहीं खेलते खेलते गिर पड़ा और बड़ी जोर से चीख कर रोया. तो माँ खीर को छोड़कर भागी और बच्चे को उठा लिया तब तक खीर मैं उबाल आ गया. वह सारी खीर जमीन पर गिर गई. माँ ने बच्चे को […]


8th December 2020

गुरु की दया का महत्व बहुत पहले की बात है | हमारे स्वामी जी (परम पूज्य दादा गुरु जी महाराज) के पास एक आदमी आया और कहने लगा कि महाराज मेरे बाल बच्चे भूखों मर रहे है | कई बार मैंने सट्टा खेला लेकिन कोई दांव नहीं लगा | अब आप दया कर दीजिये | स्वामीजी महाराज […]


8th December 2020

एक ग्राम में एक ब्राह्मण दम्पति रहते थे | उन्हें कोई सन्तान न थी | दोनों प्राणी साधू महात्माओं की खूब सेवा करते थे | उनका खर्च भिक्षाटन से ही चलता था | ग्राम में कोई भी अतिथि आता था वह इन्हीं ब्राह्मण के यहां ठहरता था | अतिथि सेवा के लिये दोनों प्राणी प्रसिद्ध […]


8th December 2020

आशिक की पहिचान १. गुरु के चरणो का कौन आशिक होगा ? जिसमें यह बातें पाई जावें। एक तो जिसमें मान नहीं है। दूसरा निर्लोभी है। गुरु और संगत में अपना तन लगाता हो। चौथा जिसमें क्रोध न हो। पांचवा सन्तों साधुओं की जिसके चित्त में कदर हो और इनका आदर करता हो। छंठवा जिसमें […]