अब अपना बना लो हमें सतगुरू प्यारे, रहू जिससे निर्भय सहारे तुम्हारे। जगत में है समरथ न कोई दिखाता, बताओ तुम्ही किसके जाउ दुआरे। ये माना कि सिर मेरे पापों की गठरी, मगर तेरे बिन कौन स्वामी उतारे। युगों से ये नैया भॅंवर में पड़ी है, दया करके अबकी लगा दो किनारे। अगर अब की […]
View Postअब सौप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथो में ! हे जीत तुम्हारे हाथो में, और हार तुम्हारे हाथो में मेरा निशचय बस एक यही, एक बार तुम्हे पा जाऊ में ! अर्पण कर दू दुनिया भर का, सब प्यार तुम्हारे हाथो में ! यदि जग में रहू तो ऐसे रहू, ज्यो जल […]
View Postगुरू का ध्यान कर प्यारे । बिना इस के नहीं छुटना ।। नाम के रंग में रंग जा । मिले तोहि धाम निज अपना ।। गुरू की सरन दृढ़ कर ले । बिना इस काज नहीं सरना ।। लाभ और मान क्यों चाहे । पड़ेगा फिर तुझे देना ।। करम जो जो करेगा तू फ […]
View Postगुरू की मुरत मन में ध्याना । गुरू के शब्द मन्तर मन माना ।। गुरू के चरण हृदय लै धारो । गुरू परब्रह्म सदा नमस्कारो ।। मत कोई भरम भूलो संसारी । गुरू बिन कोई न उतरति पारी ।। भूले को गुरू मारग पाया । अवर तियाग हरि भक्ति लाया ।। जन्म मरण की त्रास […]
View Postगुरू चरण कमल बलिहारी रे, मेरे मन की दुविधा टारी रे ।। टेक ।। भव सागर में नीर अपारा, डूब रहा नहीं मिलत किनारा । गुरू पल में लीन उबारी रे ।। 1 ।। गुरू चरण कमल बलिहारी रे । काम क्रोध मद लोभ लुटेरे, जनम जनम के बैरी मेरे । गुरू ने दीन्हा मारी […]
View Postगुरू महिमा है अपार जगत में, गुरू महिमा है अपार ।। टेक ।। गुरू कृपा से कितने तर गये, हो गये भव से पार ।। जगत में, गुरू महिमा है अपार । पत्थर में भी प्राण पुगाते, जड़ को चेतनवंत बनाते । प्रेम दया भंडार ।। जगत में, गुरू महिमा है अपार । मंद बुद्धि […]
View Postगुरूदेव तुम्हारे चरणों मे, सतकोटि प्रणाम हमारा है । मेरी नइया पार लगा देना, कितनो को पार उतारा है । मैं बालक अबुध तुम्हारा हॅ, तुम समरथ पिता हमारे हो । मुझे अपनी गोद बिठा लेना, दाता लो भुजा पसारा है । यद्यपि संसरी ज्वालायें, हम पर प्रहार कर जाती हैं। पर शीतल करती रहती […]
View Postदयालु दया सिन्धु हैं नाम तेरे, तो उपर दया क्यों नही होती मेरे। तुम हो सिन्धु तो बूद मैं भी तुम्हारी, किस अपराध से मैं बधीं काल घेरे। तड़पती हू दिन रात मिलने को तेरे, मैं बन्धन में तुम सुख की लेते हिलोरे। तेरी अंष मैं इतना दुख पा रही हू, पिता मेरे क्यों चुप […]
View Postमन तु भजौ गुरू का नाम -2 दया मेंहर से नर तन पायौ, मत करना अभिमान । मन तु भजौ गुरू का नाम एक दिन खाली पड़ा रहेगा, जाय बसे षमषान । मन तु भजौ गुरू का नाम जौ धन तुझको दिया गुरू ने, इससे कर कुछ काम । मन तु भजौ गुरू का नाम […]
View Postअसतगुरु पार लगाओ मोरी नैया मैं तो बहि मझदार, लगाओ मोरी नैया सतगुरु पार | येजित जाऊ उत काल सतावे, भरम रही हर बार, लगाओ मोरी नैया सतगुरु पार | में अनजानी तुम सब जानो, गुरु मेरे अगम अपार, लगाओ मोरी नैया सतगुरु पार | में दुखयारी तड़प रही हू, नित तेरे दरबार, लगाओ मोरी […]
View Postसतगुरू सतनाम, तुमको लाखों प्रणाम । कोटिन सूरज चाँद सितारे, रोम रोम में करें उजारे । सत्त पुरूष करतार, तुमको लाखों प्रणाम ।। अरबों सूरज चाँद सितारे, रोम रोम में करें उजारे । अलख पुरूष करतार, तुमको लाखों प्रणाम ।। खरबों सूरज चाँद सितारे, रोम रोम में करें उजारे । अगम पुरूष करतार, तुमको लाखों […]
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