मेरी शिराओं में रक्त बनके, तुम्हारा नाम प्रवाहित हो रक्त के प्रत्येक तत्वों में, तुम्हारा प्रेम समाहित हो श्रवण इंद्री में हर क्षण ही, तुम्हारा नाम हो गुंजन जिह्वा जब भी खुले मेरी, तुम्हारे महात्म्य का हो वर्णन नेत्रों कि जहां तक हो परिधि, दृश्य तुम्हारा लौकिक हो अंतः पटल पे अंकित हो छवि, कल्पित […]
View Postशुभ अशुभ और सुख दुख के मैं , कभी न झूले में झुलूँ। है प्रियनाथ सृस्टि के अंत तक, तुम्हे न एक पल को भूलूँ। तुम से बढ़ कर तीन लोक में कभी न कोई मेरा हो। मेरा मुझमेँ कुछ ना बचें सब तू ही हो सब तेरा हो। नाथ अनाथ के निर्बल के बल, […]
View Postमेरे दाता कहाँ ढूंढू तुम्हे कहाँ खो गये हो तुम, हुई कैसी ख़ता हमसे कहो कहॉ हो गये हो गुम, राह देखे तुम्हारी ये नैना हर पल पल में दिन और रैना । आओ आओ प्रभु जी आ जाओ दिल तरसते को मिल जाये चैना । ऐसे भी क्या रूठे हो हमसे क्षमा प्रभु हमको […]
View Postले जइयो कोई ले जइयो हमरे गुरुजी के पास ख़बरिया ले जइयो । कह दईयो जा के कह दईयो आये हैं तुम्हरी याद ख़बर मोरी ले जइयो । काम क्रोध मोहे बहुत सतावै । लोभ मोह से बचो ना जावै।। लेवै ना दईये स्वास । ख़बरिया ले जइयो। थक गई जीवने को ढोते ढोते । […]
View Postलौट कर आएंगे रे, मेरे गुरुवर कृपा निधान। दरश दिखलायेंगे रे, मेरे गुरुवर कृपा निधान।। कारण था कोई जाने का। वादा किया हैं पर आने का।। तो वापस आएंगे रे, मेरे गुरुवर कृपा निधान। कोई माँ अपने बच्चो को। छोड़ के जाये कैसे सोचो।। ममता मर जायेगे रे, मेरे गुरुवर कृपा निधान। कोई पिता संतान […]
View Postजय जय गुरुदेव महाराज जय जय गुरुदेव महाराज। तुम्हरे दर्शन की अभिलाषा मन मे जागी आज।। जय जय गुरुदेव महाराज । तुम्हरी ही किरपा से सतगुरु, हमने पाई राह वतन की। तुम्हरी दया से ही मेरे गुरुवर, मन मे जागी चाह मिलन की।। तुमने ही हमको बतलाया अपने घर का राज। जय जय गुरुदेव महाराज […]
View Postएक बार अर्जी तो मान लो गुरुजी मुझे काल की नगरिया से निकाल दो गुरुजी इतनी सी बिनती हैं मान लो गुरुजी मुझे काल की नगरिया से निकाल दो गुरुजी शाम सबेरे तेरा भजन करू मैं, रूप निहारु तेरा ध्यान धरु मैं। नजर मेहर की मुझपे डाल दो गुरुजी।। मुझे काल की नगरिया से निकाल […]
View Postभूमि वही हैं गगन वही हैं प्रेम का पड़ा आकाल हैं मन हैं मैला भाव विषैला षडयंत्रो का जाल हैं। सच्चाई कहने वालों का कौन करे अहवाल हैं गज़नवी गौरी कंस शकुनि मक्कारों की कमाल हैं। भीड़ में भिड़ते भड़कावे में खोजा करते दयाल हैं जोर जुगत से जतन लगा के ख़ुदा बने चांडाल हैं। […]
View Postहे परम पुरुष हे परमानंद हे पूरण ब्रह्म परम सत्ता, है विद्यमान तेरी हस्ती जाहिर करता पत्ता पत्ता। चेतन के चेतन महाधनी तू महासिंध असीमित अनुपम, हे अरचित तुम स्वयं शक्ति हे स्वयंभुव स्वमेव स्वयम। आकार प्रकार से सर्वोपरि हे रचनाकर रचनावो के, करते हो कर्म हो के अकर्म हे निराकार आकारों के। कोई जान […]
View Postमम अन्तःपटल पे तेरी ही हो छबि मेरे हे प्राणाधार, तुम आशीष की रश्मियों से हुआ करे मेरा श्रृंगार। अटल सदा विश्वास रहे तव चरणों में हो प्रेम अपार, निज अंशो की चूक छमा करो सुनहु प्रभु मम करुण पुकार। हे सर्वाश्रय हे करुणामय हे सतगुरु हे परम् उदार, हे भव भंजन हे जन तारक […]
View Postमथुरा में पुतला जलवा कर पल में कर दिया ख़ाक । समझ न पाया कोई लेकिन लाखों रहे थे झांक । दुनियां देखे आंखे फाड़ तूम बैठे परदे की आड़ सारी दुनियां में हुआ रे प्रचार के लीला तेरी तू ही जाने । कैसा खेल रे तू खेला आरपार के लीला तेरी तू ही जाने […]
View Postपापियों का पाप बढ़ गया हो गयी धरती भारी रे। अब तो डम डम बजा दे डमरू हे भोला भंडारी रे।। धरम करम का सुख गया झरना पाप समन्दर गहराया। प्रेम प्यार की जरजर हालत दिन ईमान भी मुरझाया।। मात पिता की कौन कहे गुरू संग भी करे गद्दारी रे।। अब तो डम डम बजा […]
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