ऐसी कोई मौत नही जग में मजबूर तुझे जो कर जाये। मरते को जिलाने वाले तुम ऐसे कैसे फिर मर जाये।। नादां है समझते जो ऐसा अज्ञान में डूबे हैं सारे। मन डावा डोल रहे उनका तुम्हे छोड़ के दूजे दर जाए।। जो आम समझते अनामी को इंसान समझते हैं तुमको। उन्हें जनम मरण सहना […]
View Postमेरे घर मे वो आये मेहमान रे मेरे गुरु की निराली हैं शान रे चेहरे पे उनके सूरज की लाली मुस्कान अधरों पे हैं भोली भाली बैठे सिंघासन दहलीज पे मेरे सपने में मुझको कर के इशारे नींद में मुझकों हुआ ये गुमान रे मेरे गुरु की निराली हैं शान रे ऐसा लगा कोई मंदिर […]
View Postमेरे मन बीच सतगुरु बसते हैं अखियों से रहते दूर। जरा नैन मूंद कर देखूं तो दिखता उनका सतनुर।। मेरे मन बिच सतगुरु बसते हैं अखियों से रहते दूर जब से निर्माण हुआँ जग का तब से मैं ध्यान भुला उनका। अब याद दिलाई हैं उन ने है आया ख्याल मुझे रब का।। मैं सदा […]
View Post।।हे गुरुवर ! मम प्राणेश्वर।। ।।मेरे ऐब पाप सब दूर करो।। ।।पर मैं तो अंश तुम्हारा हुँ।। ।।यूँ दूर न मुझे हुजूर करो।। ।।विकृत संसारी भावो के।। ।।दल दल ने मुझें घेर रखा।। ।।सो सुभाव हो गया विकारी।। ।।प्रभु मेरा माफ़ क़सूर करो।। ।।नवरात्रि में नवजीवन की।। ।।नवऊर्जा का हमे स्त्रोत मिले।। ।।हृदयँ सरोवर में […]
View Postतेरे दीदार की हैं लगी आस गुरुजी मेरा मन आज बड़ा ही उदास गुरुजी दुनियां अब मेरा मन ही न लगता अपना कहि कोई मुझको न दिखता बड़े ही बिकट हैं हालात गुरूजी मेरा मन आज बड़ा ही उदास गुरुजी हर पल तुम्हारी ही यादे सताती कोई खुशी मेरे मन को न भाती काटे ना […]
View Postतुम्हे न पहिचाने और कोई मेरे सिवा मैं ये चाहता हूँ तुम्हे न जाने कभी और कोई मेरे सिवा मैं ये चाहता हूँ बस मैं ही मैं हुँ और तुम ही तुम हो ना ग़ैर हो कोई चाहता हु मेरी तुम्हारी जो प्रीत हैं ये कोई न बांटे मैं ये चाहता हूँ तुम्हारे ऊपर हो […]
View Postजनम मरण के बाहर स्वामी विश्व जगाने आये हैं। तुम ही कहा करते थे ऐसा अब खुद क्यो भरमाये हैं।। तुम ही प्रचार किया करते थे नाम नही ये इंसाँ का, तुम ही दीवार लिखा करते थे काम नही ये इंसाँ का, नाम काम दोनों ही तुमने जब भगवान का बोला हैं फिर क्यु बुद्धि […]
View Postएक बार चले आओ एक बार चले आओ मेरे इस व्याकुल मन को गुरु धीर बंधा जाओ एक बार चले आओ एक बार चले आओ जब से तू हुआँ ओझल दिन रात तड़फते हैं दिल के सारे अरमाँ आंखों से छलकते हैं कैसे भी कही से भी संदेश तो पहुँचाओ।। एक बार चले आओ। तू […]
View Postदया करके बड़ी गुरुवर मुझे ये तन दिया तुमने नही समझा मोल इसका गंवा यूँ हि दिया हमने भटकते लाख चौरासी में जीते और मरते थे नही था होश कुछ भी तो करम अग्नि में जलते थे नज़र कर के मेहर की तब सहारा दे दिया तुमने नही समझा मोल इसका गवां यूँ हि दिया […]
View Postजिन्होंने हमे सत का मार्ग दिखया चलो प्रेमियों हमको गुरु ने बुलाया ठंडी हवाओं ने पैगाम लाया चलो प्रेमियों हमको गुरु ने बुलाया| चलो घर से निकलो कुछ भी न सोचो जगह हैं बनानी तो पहले ही पहुँचो ऊंचे सिंघासन पे आसन लगाया चलो प्रेमियों हमको गुरु ने बुलाया। भरम कैसे कैसे ये दिल मे […]
View Postआज अट्ठारह की ये अंतिम रैना हैं सारे प्रेमियों से मेरा एक ही कहना हैं वादा उन्नीस से करे गुरु आज्ञा में रहना है।। आज अट्ठारह की ये अंतिम रैना हैं चैत्र सा चित्त बने चमकीला चरित्र बने कुछ आँधी गरम तो चले भीतर शीतलता छने सतभाव का उदगम हो यही याचना करना है सारे […]
View Postमेरे मन को बना लो निजधाम गुरूजी मेरे मन को बना लो निजधाम सदा सदा को कर के बसेरा घट में जगादो निज नाम गुरुजी मेरे मन को बना लो निजधाम| ऐसे तो मन मेरा लागे कहि ना जब जब मनाऊ ये माने कभी ना पाये कहि ना विश्राम गुरुजी मेरे मन को बना लो […]
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