परम पूज्य संत बाबा जय गुरु देव जी महाराज

!! जय गुरुदेव नाम प्रभु का !! बाबा जी का कहना है, शाकाहारी रहना है, कलियुग जा रहा है, सतयुग आ रहा है

ऐसी कोई मौत नही जग में मजबूर तुझे जो कर जाये। मरते को जिलाने वाले तुम ऐसे कैसे फिर मर जाये।। नादां है समझते जो ऐसा अज्ञान में डूबे हैं सारे। मन डावा डोल रहे उनका तुम्हे छोड़ के दूजे दर जाए।। जो आम समझते अनामी को इंसान समझते हैं तुमको। उन्हें जनम मरण सहना […]

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मेरे घर मे वो आये मेहमान रे मेरे गुरु की निराली हैं शान रे चेहरे पे उनके सूरज की लाली मुस्कान अधरों पे हैं भोली भाली बैठे सिंघासन दहलीज पे मेरे सपने में मुझको कर के इशारे नींद में मुझकों हुआ ये गुमान रे मेरे गुरु की निराली हैं शान रे ऐसा लगा कोई मंदिर […]

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मेरे मन बीच सतगुरु बसते हैं अखियों से रहते दूर। जरा नैन मूंद कर देखूं तो दिखता उनका सतनुर।। मेरे मन बिच सतगुरु बसते हैं अखियों से रहते दूर जब से निर्माण हुआँ जग का तब से मैं ध्यान भुला उनका। अब याद दिलाई हैं उन ने है आया ख्याल मुझे रब का।। मैं सदा […]

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।।हे गुरुवर ! मम प्राणेश्वर।। ।।मेरे ऐब पाप सब दूर करो।। ।।पर मैं तो अंश तुम्हारा हुँ।। ।।यूँ दूर न मुझे हुजूर करो।। ।।विकृत संसारी भावो के।। ।।दल दल ने मुझें घेर रखा।। ।।सो सुभाव हो गया विकारी।। ।।प्रभु मेरा माफ़ क़सूर करो।। ।।नवरात्रि में नवजीवन की।। ।।नवऊर्जा का हमे स्त्रोत मिले।। ।।हृदयँ सरोवर में […]

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तेरे दीदार की हैं लगी आस गुरुजी मेरा मन आज बड़ा ही उदास गुरुजी दुनियां अब मेरा मन ही न लगता अपना कहि कोई मुझको न दिखता बड़े ही बिकट हैं हालात गुरूजी मेरा मन आज बड़ा ही उदास गुरुजी हर पल तुम्हारी ही यादे सताती कोई खुशी मेरे मन को न भाती काटे ना […]

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तुम्हे न पहिचाने और कोई मेरे सिवा मैं ये चाहता हूँ तुम्हे न जाने कभी और कोई मेरे सिवा मैं ये चाहता हूँ बस मैं ही मैं हुँ और तुम ही तुम हो ना ग़ैर हो कोई चाहता हु मेरी तुम्हारी जो प्रीत हैं ये कोई न बांटे मैं ये चाहता हूँ तुम्हारे ऊपर हो […]

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जनम मरण के बाहर स्वामी विश्व जगाने आये हैं। तुम ही कहा करते थे ऐसा अब खुद क्यो भरमाये हैं।। तुम ही प्रचार किया करते थे नाम नही ये इंसाँ का, तुम ही दीवार लिखा करते थे काम नही ये इंसाँ का, नाम काम दोनों ही तुमने जब भगवान का बोला हैं फिर क्यु बुद्धि […]

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एक बार चले आओ एक बार चले आओ मेरे इस व्याकुल मन को गुरु धीर बंधा जाओ एक बार चले आओ एक बार चले आओ जब से तू हुआँ ओझल दिन रात तड़फते हैं दिल के सारे अरमाँ आंखों से छलकते हैं कैसे भी कही से भी संदेश तो पहुँचाओ।। एक बार चले आओ। तू […]

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दया करके बड़ी गुरुवर मुझे ये तन दिया तुमने नही समझा मोल इसका गंवा यूँ हि दिया हमने भटकते लाख चौरासी में जीते और मरते थे नही था होश कुछ भी तो करम अग्नि में जलते थे नज़र कर के मेहर की तब सहारा दे दिया तुमने नही समझा मोल इसका गवां यूँ हि दिया […]

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जिन्होंने हमे सत का मार्ग दिखया चलो प्रेमियों हमको गुरु ने बुलाया ठंडी हवाओं ने पैगाम लाया चलो प्रेमियों हमको गुरु ने बुलाया| चलो घर से निकलो कुछ भी न सोचो जगह हैं बनानी तो पहले ही पहुँचो ऊंचे सिंघासन पे आसन लगाया चलो प्रेमियों हमको गुरु ने बुलाया। भरम कैसे कैसे ये दिल मे […]

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आज अट्ठारह की ये अंतिम रैना हैं सारे प्रेमियों से मेरा एक ही कहना हैं वादा उन्नीस से करे गुरु आज्ञा में रहना है।। आज अट्ठारह की ये अंतिम रैना हैं चैत्र सा चित्त बने चमकीला चरित्र बने कुछ आँधी गरम तो चले भीतर शीतलता छने सतभाव का उदगम हो यही याचना करना है सारे […]

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मेरे मन को बना लो निजधाम गुरूजी मेरे मन को बना लो निजधाम सदा सदा को कर के बसेरा घट में जगादो निज नाम गुरुजी मेरे मन को बना लो निजधाम| ऐसे तो मन मेरा लागे कहि ना जब जब मनाऊ ये माने कभी ना पाये कहि ना विश्राम गुरुजी मेरे मन को बना लो […]

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