परम पूज्य संत बाबा जय गुरु देव जी महाराज

!! जय गुरुदेव नाम प्रभु का !! बाबा जी का कहना है, शाकाहारी रहना है, कलियुग जा रहा है, सतयुग आ रहा है

सत्संग वचन सूरत (जीवात्मा) दोनों आँखों के पीछे बैठी है। वहीं पर नाम है। घण्टा घड़ियाल बज रहा है। यही नाम, आवाज, सुरत की सच्ची खुराक है। प्रेम का होना जरूरी है तभी करनी बनेगी। प्रेम बिना करनी कभी नहीं बनेगी और प्रेम के बिना जो भी करनी है वो सब फीकी है। जो भी […]

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सत्संग वचन बाबा जयगुरूदेव जी महाराज ने कहा है कि गरीब अमीर हो जाऐ, रोगी निरोगी हो जाऐ यह समय समय की बात है। समय आता है, बदलता है। समय को कभी नहीं भूलना चाहिऐ। इधर खबरें आती हैं कि वर्षा न होने से फसल खराब हो गईं। तकलीफ तो आती है जाती है पर […]

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सत्संग वचन वासना, इच्छा है जो फैल जाती है उसको समेटना बड़ा मुश्किल होता है। इच्छा सीमित रखो तो दिक्कत नहीं होगी। एक मनीहारी चूड़ी वाली और एक सब्जी वाला दोनों बाजार गऐ। मनीहारी ने चूड़ियां खरीदी और सब्जी वाले ने सब्जी खरीदी। दोनों एक ऊँट वाले के पास गऐ। ऊँट वाले ने कहा कि […]

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सत्संग वचन मनुष्य शरीर आपको थोड़े दिनों के लिए, थोड़े समय के लिए मिला है। जो कुछ करना है वो इसी में कर लो। दुनियां के सामान जो देखते हो वह तुम्हारा नहीं है, देखते देखते सब गायब हो जाऐगा। यह जीवात्मा जब इस शरीर मे बैठाई गई थी तब उस पर कोई गन्दगी नहीं […]

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सत्संग वचन शब्द चेतन है, देखता है, सुनता है और सबके साथ अंग संग है। दोनों आँखों के पीछे बैठी हुई सुरत जब भजन में शब्द को सुनती है तो उसे चेतना आती है। गुरू की कृपा से सुरत ऊपर के मण्डलों में चढ़ती जाती है। जब शब्द सीधा ले जाने के लिए आता है […]

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सत्संग वचन मालिक से मिलने की, उसके दर्शन की तड़प हमेशा उठती रहे तो यह रूह शरीर को छोड़कर उठ जाती है और सुरत की सम्भाल हो जाती है। आप हो कि उसकी शक्ति को अपनी इच्छाओं में लगा देते हो। इसीलिए वो उठती ही नहीं। आपको भी मुसीबत और महात्माओं को भी मुसीबत। इसीलिए […]

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सत्संग वचन अनेकों जन्मों के पुण्य जब जमा हो जाते हैं तब यह अनमोल मनुष्य शरीर मिलता है। इस शरीर द्वारा महात्माओं की खोज करनी चाहिऐ और जब वे मिल जाऐंगे तब वह सच्चा रास्ता प्रभु प्राप्ति का बताऐंगे। इस मनुष्य रूपी कपड़े में ही जीवात्मा बैठी हुई है। जीवात्मा को ही संतों ने सुरत […]

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जयगुरूदेव सत्संग कोल किसी को नहीं छोड़ता। जीव उसका आहार है। इस बात को महात्मा जानते हैं। इसीलिए वे जीवों को समझाते हैं कि तुम काल जाल से निकल चलो। अच्छे हैं वे जीव जो इधर यानी महापुरूषों के चरणों में आ गऐ। वे भाग्यशाली हैं जिन्हें नाम मिल गया और कमाई में लग गऐ। […]

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जयगुरूदेव सत्संग जो नामदान लेते हैं उनको बताया जाता है कि रोज ध्यान करना, रोज सुमिरन करना, रोज भजन करना और आते-जाते रहना। सत्संग नहीं सुनोगे तो थोड़े दिनों में नाम, रूप, स्थान, धुन सब कुछ भूल जाओगे और थोड़े दिनों में ऐसे हो जाओगे जैसे संसारी रहते हैं। जो नामदान लेकर जाते हैं, सत्संग […]

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सत्संग वचन आपको रास्ता जब मिल गया है तो भजन करो। जो प्रारब्ध उसने तुम्हारा बना दिया गया है वह तुमको रोज मिलेगा। इसलिए दुनियां में ज्यादा फंसो मत। काम आप सब करो। खेती का, दुकानदारी का और दफ्तर का। आपको कोई मना नहीं करता पर ईमानदारी से ओर मेहनत से काम करो। हम आपको […]

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सत्संग वचन पहले बच्चों को मां-बाप स्कूल मास्टर के पास भेजते थे तो मास्टर बच्चों को प्यार करते थे और सबक याद न करने पर मारते थे तो मां-बाप कुछ नहीं कहते थे और बच्चे भी मास्टर से डरते थे और मन लगाकर अपना पाठ याद करते थे। तब बच्चे पढ़लिखकर होशियार हो जाते थे। […]

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सत्संग वचन कार्यक्रम में दस मिनट पहले पहुंचो। तुम सोचो कि ट्रेन हमारे जाने पर छूटेगी तो यह तुम्हारा धोखा है। यह रास्ता है मालिक से मिलने का। जो नामदान दिया जाता है कमाई करने का। तुम काम करते हो बच्चों का, दूसरों का, अपना काम नहीं करते। जीवात्मा निकल जाऐगी तो ये कुछ साथ […]

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