सत्संग वचन बाबा जयगुरूदेव जी महाराज ने सत्संग सुनाते हुऐ कहा कि महापुरूष तुमको रास्ता देते हैं तो पहले तो चाहते हैं कि तुम अपने पैरों पर खड़े होकर चलते चलो पर जब देखते हैं कि तुम गिर गिरा जाओगे तो सम्हाल करते हैं। साधको को अपनी अच्छाओं को सीमित करना चाहिऐ। धीरज और सावधानी […]
View Postसत्संग वचन परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि जाड़े का समय भजन के लिए अच्छा होता है। स्वामी जी महाराज कहा करते थे कि आठ महीने की जाग्रती चार महीने में कर लेनी चाहिऐ। क्योंकि गर्मी और बरसात का मौसम भजन के लिए अच्छा नहीं होता है।जाड़े में रजाई या कम्बल ओढ़ कर […]
View Postसत्संग वचन संगत सेवा सफाई करती है पहले के युग में ऋषि-मुनि, महात्मा जगह-जगह घूमकर मानव-मानव को धर्म कर्म के संदेश देते रहते थे। लोग उनको मानते थे और धर्म से जुड़े रहते थे। उनकी कमी होने लगी तो विद्वानों ने यह काम शुरू कर दिया। पीढ़ी दर पीढ़ी बहुत दिनों तक ये परम्परा चली। […]
View Postसत्संग वचन आप सब लोगों को, विशेष जरूरी, जो संगत के लिए बातें उसको ध्यान से सुनना हैं। यह संगत बहुत बड़ी हो चुकि है। इस संगत का बहुत बड़ा विस्तार देश में हो रहा चुका है। इसलिए गांव-गांव में, मुहल्ले-मुहल्ले में आप सब लोगों को सत्संग विस्तार मण्डलियां बना लेनी चाहिऐं? इससे यह होगा […]
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