परम पूज्य संत बाबा जय गुरु देव जी महाराज

!! जय गुरुदेव नाम प्रभु का !! बाबा जी का कहना है, शाकाहारी रहना है, कलियुग जा रहा है, सतयुग आ रहा है

खोज री पिया को निज घट में खोज री पिया को निज घट में। जो तुम पिया से मिलना चाहो। तो भटको मत जग में।। तीरथ बर्त कर्म आचारा। ये अटकावे मग में।। जब लग सतगुरु मिलें न पूरे। पड़े रहोगे अघ में।। नाम सुधा रस कभी न पाओ। भरमो जोनी खग में।। पंडित काजी […]

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गुरू चरणों में अपने लगा लीजै गुरू चरणों में अपने लगा लीजै। मेरे भाग्य को स्वामी जी जगा दीजै। मो सम पापी जगत कोउ नाहीं, मेरे पापों की गठरी जला दीजै। काम क्रोध मद लोभ सतावे, इन दुष्टों को स्वामी जी भगा दीजै। काल और माया हमें भरभावे, इन दोउ से प्रभु जी बचा लीजै। […]

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गुरूदेव तुम्हारे चरणों में, सतकोटि प्रणाम हमारा है गुरूदेव तुम्हारे चरणों में, सतकोटि प्रणाम हमारा है। मेरी नैया पार लगा देना, कितनों को पार उतारा है। मैं बालक अबुध तुम्हारा हू, तुम समरथ पिता हमारे हो। मुझे अपनी गोद बिठा लेना, दाता लो भुजा पसारा है। यद्यपि संसारी ज्वालायें, हम पर प्रहार कर जाती हैं। […]

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छोड़ कर संसार जब तू जाएगा छोड़ कर संसार जब तू जाएगा। कोई न साथी तेरा साथ निभाएगा।। गर प्रभु का भजन किया ना, सत्संग किया न दो घडि़या। यमदूत लगाकर तुझको, ले जायेंगे हथकडि़यां। कौन छुड़वायेगा।। कोई न साथी तेरा साथ निभाएगा।। इस पेट भरन की खातिर, तू पाप कमाता निसदिन। श्मशान में लकड़ी […]

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धाम अपने चलो भाई। पराये देश क्यों रहना धाम अपने चलो भाई। पराये देश क्यों रहना।। काम अपना करो जाई। पराये काम नहिं फसना।। नाम गुरु का सम्हाले चल। यही है दाम गठ बंधना।। जगत का रंग सब मैला। धुला ले मान यह कहना।। भोग संसार कोई दिन के। सहज में त्यागते चलना।। सरन सतगुरु […]

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भरोसो चरन कमल का तेरे भरोसो चरन कमल का तेरे ।। टेक।। सांस सांस पर आस तुम्हारी और न काहू केरे । जब से जीव भया संसारी फिरे काल के फेरे। सुधि बुधि भूल रहा निज घर की सपने हूं हरि नहि हेरे। परम् दयाल हरी निज जनहित रूप धरा नर केरे। जयगुरुदेव बतायो नाम […]

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मन तू भजो गुरु का नाम मन तू भजो गुरु का नाम। टेक। दया मेहर से नर तन पाया, मत करना अभिमान। इक दिन खाली पड़ा रहेगा, जाई बसे षमषान।। मन तू भजो गुरु का नाम। जो धन तुझको दिया गुरु ने, इससे कर कुछ काम। अन्त समय यूं ही लुट जाएगा, संग न जाई […]

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मेहर की नजर करो मेरी ओर मेहर की नजर करो मेरी ओर, दया की नजर करो मेरी ओर। निशि दिन तुम्हें निहारूं सतगुरु, जैसे चन्द्र चकोर। जानू न कौन भूल हुई तन से, लियो हमसे मुख मोड़। बालक जानि चूक बिसराओ, आया शरण अब मैं तोर। सदा दयालु स्वभाव तुम्हारा, मोरि बेरिया कस भयो कठोर। […]

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सतगुरू सतनाम, तुमको लाखों प्रणाम सतगुरू सतनाम, तुमको लाखों प्रणाम। कोटिन सूरज चांद सितारे, रोम रोम में करे उजारे। सत पुरूष करतार तुमको लाखों प्रणाम।। अरबों सूरज चांद सितारे, रोम-रोम में करे उजारे। अलख पुरूष करतार, तुमको लाखों प्रणाम।। खरबों सूरज चांद सितारे, रोम-रोम में करे उजारे। अगम पुरूष करतार, तुमको लाखों प्रणाम। नील नील […]

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जहां सत्य है वहीं धर्म है भौतिकवाद कहते हैं भोगी दुनियां को। भौतिकवाद में अच्छे शब्दों की जरूरत नहीं, भले-बुरे का ज्ञान नहीं, किसी की पहचान की जरूरत नहीं। ऐसे भौतिकवादियों और भौतिक भोगियों ने धर्म को शहरों से मारकर जंगलों में भगा दिया। यदि धर्म रहता तो कुछ अंकुश आंखें पर होता, कुछ अंकुश […]

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कुदरत है और वो पलक मारते ही कुछ कुदरत है और वो पलक मारते ही कुछ का कुछ कर सकती है, यह उसकी सृष्टि है, उसके तुम ठेकेदार मत बनो। उसके नियमों के अनुकूल चलोगे तो वो हमेशा तुम्हारा साथ देगी और विपरीत चलने पर उसे पलटने में देर नहीं लगेगी। तुम भागकर कहीं भी […]

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भारत कर्मभूमि है कृष्ण ने कहा था कि भारत कर्मभूमि है। यहां आघ्यात्मवाद रहेगा, मानववाद रहेगा, भौतिकवाद नहीं चलेगा। इसे भोगभूमि मत बनाओ नहीं तो विनाश हो जाऐगा। इस भूमि से धर्म को कभी खत्म नहीं किया जा सकता। धर्म को खत्म करने वाले स्वयं खत्म हो जाऐंगे। समय थौड़ा रह गया है। किसी महापुरूष […]

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